दक्षिण कोरिया और भारत एयरफोर्स को मजबूत करने में जुटे
सियोल। दक्षिण कोरिया और भारत लगातार अपनी एयरफोर्स को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच दोनों देश अपने सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने जा रहे हैं। दक्षिण कोरिया अपने एफ-15के स्लैम ईगल और भारत अपने एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों को आधुनिक बना रहा है। यह अपग्रेडेशन दोनों देशों को हवाई क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखने में मददगार होगा क्योंकि इससे इन विमानों की ताकत में इजाफा हो जाएगा।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया ने एफ-15के स्लैम ईगल फाइटर जेट को अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त बजट मंजूर किया है। भारत भी अपने एसयू-30एमकेआई विमानों के लिए नए उपकरण खरीद रहा है। इसमें अत्याधुनिक रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और नए हथियार शामिल हैं। इस कदम से दोनों देशों की रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ये दोनों ही दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शुमार है।
दक्षिण कोरिया की सरकारी हथियार खरीद एजेंसी ने घोषणा की है कि एफ-15के लड़ाकू विमानों के अपग्रेड के लिए एक ट्रिलियन वोन (696 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मंजूर किए गए हैं। एफ-15के को स्लैम ईगल भी कहा जाता है। ये अमेरिका के एफ-15ई का दक्षिण कोरियाई वर्जन है। यह जेट 2005 में पहली बार तैनात किया गया था। दक्षिण कोरिया के पास कई उन्नत लड़ाकू विमान हैं। इनमें एफ-35, एफ-16 सी-डी और स्वदेशी एफए-50 शामिल हैं। इसके बावजूद एफ-15के बेड़े का आधुनिकीकरण इस जेट की युद्ध के मैदान में अहमियत को दिखाता है।
एफ-15के कई तरह के लड़ाकू और ऑपरेशनल कामों को अंजाम देने में महारत रखता है। अपग्रेड के साथ एफ-15के आने वाले वर्षों में दक्षिण कोरिया की वायु रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। एफ-15के अपग्रेड का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि दक्षिण कोरिया को बीते कुछ समय से उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
दक्षिण कोरिया की तरह ही भारत भी अपने लड़ाकू विमानों पर ध्यान लगा रहा है। भारत ने रूस से खरीदे सुखोई-30एमकेआई विमान बेड़े को अपग्रेड करने के लिए निवेश किया है। भारत की योजना इन विमानों को उन्नत तकनीकों से लैस करने की है ताकि अगले तीन दशकों तक ये युद्ध के लिए तैयार रहें।
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