प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा रुकने पर पश्चाताप भाव में सोसाइटी

  वृंदावन। संत प्रेमानंद महाराज ने रात दो बजे बाद अपने आवास से आश्रम तक निकाली जाने वाली यात्रा एक कॊलोनी के लोगों द्वारा विरोध किए जाने पर बंद कर दी है। अब विरोध करने वाली कॊलोनी के लोग ही पश्चाताप के भाव में आ गए हैं। कॊलोनी के लोग कल संत प्रेमानंद महाराज से मिलने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि लोग संत से क्षमायाचना करेंगे। अब देखना यह है कि संत प्रेमानंद महाराज आधी रात बाद निकाली जाने वाली अपनी यात्रा फिर से शुरू करते हैं या नहीं।

Feb 16, 2025 - 17:37
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प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा रुकने पर पश्चाताप भाव में सोसाइटी
संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि यात्रा का फाइल फोटो।

-सोसाइटी अध्यक्ष ने संत से भेंटकर की क्षमायाचना, कल कॊलोनी के अन्य लोग भी मिलने जाएंगे

-सबसे बड़ा सवाल यह है कि रात दो बजे से निकलने वाली यात्रा को संत शुरू करेंगे या नहीं

संत प्रेमानंद महाराज लम्बे समय से रात दो बजे अपने आवास श्रीकृष्ण शरणम से अपने आश्रम श्रीहित राधा केलि कुंज के लिए पैदल-पैदल जाते रहे हैं। धीरे-धीरे उनकी हर रोज की इस दिनचर्या ने भव्य रूप ले लिया। महाराज जी के साथ उनके शिष्य भी होते थे। उधर प्रेमानंद महाराज के भक्त उनके दर्शन के लिए आश्रम से केली कुंज आश्रम के दोनों ओर रात के समय खड़े होने लगे।

समय के साथ इस यात्रा में बैंड भी जुड़ गया। लगभग तीन किलोमीटर के इस यात्रा मार्ग पर आधी रात बाद सैकड़ों अस्थायी दुकानें भी लगने लगीं क्योंकि संत के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या चार से पांच हजार तक होने लगी थी।

महाराज जी के आवास और आश्रम के बीच एनआरआई ग्रीन आवासीय कॊलोनी भी है। संत प्रेमानंद जब रात दो बजे बैंडबांजों के साथ आवास से आश्रम तक जाते थे तो बैंड की आवाज से उक्त कॊलोनी के लोगों की नींद में खलल पड़ने लगा। पिछले दिनों जब संत प्रेमानंद निर्धारित मार्ग से गुजर रहे थे तो एनआरआई ग्रीन कॊलोनी के लोगों ने यात्रा के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि यात्रा में बजने वाले बैंड से उनकी नींद टूट जाती है।

एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के विरोध के बाद यकायक संत प्रेमानंद महाराज की रात की यात्रा बंद हो गई। अब वे अपने भक्तों को अपने केली कुंज आश्रम पर ही दर्शन देते हैं।

आज एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर यात्रा के विरोध पर पश्चाताप करते हुए उनसे क्षमायाचना की। सोसाइटी अध्य़क्ष ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि सोसाइटी के लोग उनसे मिलना चाहते हैं। इस पर संत ने कहा कि हम किसी से नाराज नहीं हैं, लोग आना चाहते हैं तो आएं। माना जा रहा है कि कल सोसाइटी के लोग संत के पास जाकर क्षमायाचना करेंगे।

सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने कहा कि कुछ यूट्यूबरों ने भ्रामक जानकारियां दीं, जिसकी वजह से इस मामले को विवाद का रूप दे दिया गया। उन्होंने कहा कि महाराज जी के प्रवचनों और यात्रा को रोकने के पीछे किसी भी प्रकार की दुर्भावना नहीं थी सोसाइटी अपनी गलती स्वीकार करती है और चाहती है कि प्रेमानंद महाराज अपनी यात्रा दोबारा वहीं से शुरू करें जहां से बाधित हुई थी।

इस घटनाक्रम के बाद अब सभी की निगाहें प्रेमानंद महाराज के अगले कदम पर टिकी हैं कि वे यात्रा को पुनः शुरू करेंगे या नहीं।

तीन किमी के यात्रा मार्ग में रहती थी रौनक

संत प्रेमानंद महाराज जब रात दो बजे अपने आवास से आश्रम के लिए निकलते थे तो तीन किलोमीटर के इस यात्रा मार्ग में बहुत रौनक रहती थी। मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए खड़े रहते थे। पूरे मार्ग पर रंगोली सजाई जाती थीं। संकीर्तन होता था। यहां जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए ही सैकड़ों की संख्या में अस्थायी दुकानें भी लगने लगी थीं। दुकानें लगाने वाले वृंदावन के लोगों की अच्छी कमाई होने लगी थी। यात्रा बंद होने से ये दुकानदार भी मायूस हैं।

धीरेंद्र शास्त्री भी कूद गए थे विवाद में

संत प्रेमानंद महाराज की यात्रा रुकने के बाद बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी इस विवाद में कूद गए थे। उन्होंने संत की नियमित यात्रा के रुकने पर नाराजगी जताते हुए कह दिया था कि जिसे संत प्रेमानंद महाराज का विरोध करना है, वह बृज छोड़कर नोएडा-दिल्ली चला जाए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान की भी बृजवासियों में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। बृजवासियों की ओर से हो रहे विरोध के बाद पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्षमायाचना करते हुए कहा था कि बृजवासी तो मेरे प्राण हैं।

SP_Singh AURGURU Editor