हिमाचल की शांत फिजां को भी बिगाड़ने की कोशिशें तेज

शिमला। वैसे तो हिमाचल प्रदेश की पहचान एक शांत राज्य के रूप में है लेकिन यहां भी तनाव पैदा करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। दूसरे राज्यों और यहां तक कि कुछ रोहिंग्याओं की आमद यहां काफी बढ़ गई है। इससे लोगों के सामने समस्याएं पैदा होने लगी हैं। ये लोग अब इसका विरोध कर रहे हैं। बाहर से आने वाले लोगों ने हाल ही में यहां पर संजौली में अवैधरूप से एक मस्जिद का निर्माण करा लिया, जिसे हटाने को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं। ऐसे लोगों की मांग है कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर पुलिस नजर रखे और उनकी सही तरह से वेरिफिकेशन की जाए। हिमाचल में तेजी से बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। इससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है।

Sep 6, 2024 - 12:57
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हिमाचल की शांत फिजां को भी बिगाड़ने की कोशिशें तेज


यह मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी उठा। चौपाल से विधायक बलवीर वर्मा और शिमला से विधायक हरीश जनारथा ने यह मुद्दा उठाया। इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्य सरकार में पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी खुलकर अपनी बात कही। अनिरुद्ध सिंह की बातों पर सत्ता पक्ष की ओर से नहीं, बल्कि विपक्ष के सदस्यों की ओर से मेज थपथपाई गई। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी अनिरुद्ध सिंह से नाराज नजर आए, जिसपर राणा अनिरुद्ध सिंह ने माकूल जवाब भी दिया।

कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद अवैध रूप से बनी है। इसका मालिकाना हक भी हिमाचल प्रदेश सरकार के पास है। इस जमीन पर कब्जा भी अवैध है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकारी जमीन पर कैसे इतना बड़ा निर्माण हो गया। उन्होंने कहा कि अन्य जगहों पर अवैध निर्माण पर तो बिजली और पानी काट दिया जाता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इससे कई तरह के सवाल खड़े होते हैं।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि साल साल 2010 से लेकर अब तक इस मामले में 44 पेशियां हो चुकी हैं। साल 2023 में नगर निगम को यह पता चलता है कि इसमें प्रतिवादी पक्ष एक व्यक्ति नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद गैर जिम्मेदाराना है। जब यह मामला विचाराधीन था, तब भी यहां अवैध निर्माण किया गया। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद अवैध है, तो उसे तोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मंदिर मस्जिद और किसी अन्य धार्मिक संस्थान का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वैध और अवैध का मुद्दा है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि रविवार को मस्जिद के बाहर जो प्रोटेस्ट हुआ, उसकी भी वे पूरी जिम्मेदारी लेते हैं।

ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने खुलासा किया कि अब तक 6 हजार 357 वर्ग फुट अवैध निर्माण हो गया है। इससे भी बढ़कर चिंता की बात है कि जो व्यक्ति केस की सुनवाई में आ रहा था, उसके बारे में साल 2023 में निगम को पता चलता है कि उसका केस से लेना-देना ही नहीं है। क्या निगम के अफसरों ने उसके कागज चेक नहीं किए। अचानक साल 2023 में निगम को पता चलता है कि जिसके खिलाफ केस चल रहा है, वह तो प्रतिवादी बन ही नहीं सकता। अब इस केस को वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर किया गया है।

मंत्री ने कहा कि जो जमीन प्रतिवादी की बताई जा रही है, उसका मालिकाना हक सरकार का है। प्रतिवादी केवल कब्जाधारी है। ग्रामीण विकास मंत्री ने सीएम से आग्रह किया कि उस जमीन से कब्जा हटाया जाए। ये जांच की जाए कि जमीन किसकी है। क्या वह नक्शा जमा करवाने के लिए अधिकृत है। संजौली मस्जिद के मौलवी शहजाद इमाम की भी इस पूरे मामले में प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद साल 1947 से पहले का यहां बनी हुई है। हालांकि, तभी छोटी सी मस्जिद थी। यहां साल 2007 के बाद कंस्ट्रक्शन हुई। उनका दावा यह है कि साल 2015 के बाद यहां कोई नया निर्माण नहीं हुआ है। यह मामला आयुक्त के पास लंबित है और इसे वक्फ बोर्ड लड़ रहा है।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मामले में कानून सम्मत कार्रवाई के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री खुद मान रहे हैं कि यह अवैध निर्माण है। ऐसे में इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जयराम ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के साथ पूरे देश में बदलती हुई डेमोग्राफी चिंता का विषय है। आम लोगों के साथ ही भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है। ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य की स्थिति गंभीर बनती दिख रही है। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर भी दबाव काफी बढ़ गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व इस मामले में अब तक खामोश है। एक ओर मुस्लिम वोट का सवाल है तो दूसरी ओर कानून सम्मत कार्रवाई का। सवाल यह है कि कांग्रेस अब इस पर क्या कदम उठाएगी, यह देखना अभी बाकी है।

दरअसल यह मामला तब लोगों के सामने आया, जब शिमला के मल्याणा में विक्रम सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। बताया जाता है कि रात में जब विक्रम सिंह अपनी दुकान बंद कर घर जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक लड़का बेवजह ही वहां शोर मचा रहा है। उन्होंने उसे रोका तो उसने अपने साथियों के साथ उन पर हमला कर दिया। इससे उनका सिर फट गया और 14 टांके लगवाने पड़े। इस संबंध में विक्रम सिंह ने मोहम्मद गुलनवाज और उसके साथियों पर केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने कुछ दिन पहले जयपाल और राजीव शर्मा से भी मारपीट की थी। गुलनवाज के साथियों में सारिक, सैफ अली, रिहान आदि हैं। रिहान उत्तराखंड का तथा अन्य सभी यूपी के मुजफ्फरनगर के हैं। मारपीट की इन घटनाओं के बाद यहां भट्टाकफ्फर पार्षद नरेंद्र ठाकुर और कुछ अन्य लोग संजौली की मस्जिद के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने इन लोगों को समझा-बुझा कर घर भेज दिया। 

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