सिंधी समाज फिर एक छतरी के नीचे आया, सिंधी सेंट्रल पंचायत के नीचे ही काम करेंगे सभी
आगरा। सिंधी समाज में मंगलवार को एकता की बड़ी पहल हुई। संगठन के रूप में दो धड़ों में बंट चुके समाज के लोगों ने आज एक साथ बैठकर तय किया कि अब के बाद वे सभी सिंधी सेंट्रल पंचायत के बैनर तले ही समाज को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
बता दें कि आगरा में सिंधी समाज की केंद्रीय संस्था सिंधी सेंट्रल पंचायत है। 1956 में बनी इस संस्था के बैनर तले समाज न केवल एकजुट रहा, बल्कि आगे भी बढ़ा। देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर आगरा में बसे तत्कालीन सिंधी परिवारों के पांव जमाने में इसी संस्था ने अहम भूमिका निभाई थी।
कुछ साल पहले हालात कुछ ऐसे बने कि सिंधी सेंट्रल पंचायत के समानांतर एक और संगठन बन गया। इसके बाद समाज के लोग दो धड़ों में बंटे नजर आने लगे थे। पिछले कुछ दिनों से दोनों ही संगठनों की ओर से फिर से एक ही छतरी के नीचे आने की पहल की जा रही थी। मंगलवार को वह मौका आ गया जब दोनों पक्षों के जिम्मेदार लोग सोमनाथ धाम में जुटे। गुरु पीर डॉ. शंकर नाथ योगी की मौजूदगी में दोनों ही संगठनों के लोगों ने गिले-शिकवे दूर किए। तय किया गया कि आज के बाद सभी सिंधी सेंट्रल पंचायत के बैनर तले ही काम करेंगे।
इस मौके पर कहा गया कि सिंधी सेंट्रल पंचायत 1956 में हमारे बुजुर्गों ने बनाई थी। यह संस्था हमारे लिए धरोहर है। अब सिंधी सेंट्रल पंचायत के माध्यम से ही समाज को आगे बढ़ाने का काम सभी मिलजुल कर करेंगे। सभी ने यह भी तय किया कि अपने बच्चों को सिंधी संस्कार देने के साथ सिंधी भाषा पढ़ाने पर भी ध्यान देंगे। सिंधी भाषा दिवस भी जोर-शोर से मनाने का निर्णय लिया गया।
मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी ने बताया कि आज की बैठक में सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सोनी, घनश्याम दास देवनानी, परमानन्द अतवानी, हेमंत भोजवानी, जयरामदास होतचंदानी, कन्हैयलाल मनवानी, जगदीश डोडानी, नरेंद्र पुरसनानी, जयप्रकाश धर्मानी, श्याम भोजवानी, भोजराज लालवानी, लाल मोटवानी, एडवोकेट सुन्दर चेतवानी, नानकराम मनवानी घनश्याम हेमलानी एवं अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे।
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