श्री हनुमत कथाः ध्यान, भक्ति और ज्ञान की त्रिवेणी में डूब गए भक्त
आगरा। आरबीएस कॊलेज के सभागार में श्री हनुमत त्रिवेणी कथा मंगलवार से शुरू हो गई। कथा के दौरान भक्तजन भजनों की सुमधुर प्रस्तुति पर झूमते दिखाई दिए। कथा व्यास पंडित विजय शंकर मेहता महाराज ने पहले दिन की कथा में कहा कि प्रभु से मिलना है तो ध्यान कीजिए! चुप्पी नहीं, मौन साधिए। तीन दिन सब कुछ भूल कथा सुनिए, तीन दिन में जीवन का रूपांतरण हो जायेगा।
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महाराज जी ने कहा अगर डूबने से बचना है तो काम, क्रोध, लोभ और मोह आदि के बोझ से मुक्ति पानी होगी। उन्होंने कहा किष्किंधा कांड व्यक्ति की समस्याओं के समाधान का कांड है। एक डरपोक राजा सुग्रीव ने सब कुछ गंवा दिया था, लेकिन हनुमान जी को अपने साथ रखा, तो उसको प्रभु श्री राम मिल गए। राम को पाना है तो हनुमान जी को दिल में रखिए। हनुमान जी जब तक राम से नहीं मिले थे, सिर्फ राजपाट विहीन राजा सुग्रीव के मंत्री भर थे। श्री राम से मिलने के बाद कहां पहुंच गए। शून्य से शिखर तक की यात्रा सीखनी है तो हनुमान जी से सीखिए और शिखर से शून्य तक की यात्रा सीखनी है तो रावण से सीखिए।
खुश रहने का मंत्र देते हुए कहा क् खुश रहना भक्त का अधिकार है। मुस्कुराना हम तकदीर में लिखाकर लाए हैं, उदासी तो लोगों ने हमें तोहफे में दे दी है। भगवान किसी को उदास नहीं छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सुबह उठकर और रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करें। आज की कथा का समापन समिति के सदस्यों द्वारा आरती संग हुआ।
प्रारंभ में कथा का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन राम निवास मित्तल, आशा मित्तल, सुशील गुप्ता विभव, सुरेश चंद गर्ग ने किया। इस अवसर पर आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय श्रीवास्तव, अरुण अग्रवाल, कुमार कृष्ण गोयल भी मौजूद थे। संचालन महिला समिति की महामंत्री डॉ. रुचि अग्रवाल ने किया।
निकाली कलश यात्रा, ग्रहों के अनुसार वेशभूषा
महिला समिति की संयोजक रश्मि सिंघल व अध्यक्ष अंशु अग्रवाल ने बताया कथा से पूर्व पहले दिन 25 फरवरी को दोपहर में मंगल कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा में महिलाएं परंपरागत भारतीय वेशभूषा में आईं। ग्रहों और उनके दिनों के हिसाब से रंग निर्धारित थे। यात्रा आरबीएस कॉलेज परिसर में निकाली गई। कोषाध्यक्ष मीनू त्यागी ने बताया 26 फरवरी यानि बुधवार को हरा रंग, 27 फरवरी यानि गुरुवार के लिए पीला रंग निर्धारित है। कलश यात्रा में मधु गोयल, सीमा बंसल, उर्मिल बंसल, सीमा अग्रवाल, सांस्कृतिक प्रभारी सोनिया गर्ग, दर्शिका बबीता गोयल, संरक्षिका सुषमा अग्रवाल सदस्य कुसुम अग्रवाल आदि मौजूद थीं।