बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के खिलाफ आपरेशन शूट एट साइट
बहराइच। यहां के महसी तहसील और आसपास के इलाकों में आज से आपरेशन शूट एट साइट शुरू कर दिया गया है। ऐसे 50 गांवों में गश्त तेज कर दी गई है। पुलिस और वन विभाग की टीमों के साथ दस शूटर योगी सरकार ने बुलाए हैं, जिन्हें भेड़ियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। ये आदमखोर भेड़िए लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। खासकर इन भेड़ियों ने बच्चों को अपना शिकार बनाया है।
ऐसी कई टीमें बनाई गई हैं, जो इन गांवों में लगातार गश्त कर रही हैं। गश्त रात में भी जारी है। वन मंत्री और प्रदेश के बड़े अफसरों की बैठक लगातार दो दिन चली, जिसमें यह योजना बनाई गई कि पुलिस और वन विभाग के साथ शूटरों को भी गश्त पर भेजा जाए ताकि इन भेड़ियों को खत्म किया जा सके। ये भेड़िए बहराइच ही नहीं, लखीमपुर खीरी में भी आतंक मचा रहे हैं। कोशिश होगी कि भेड़ियों को पकड़ा जाए लेकिन यदि वे भागते हैं तो उन्हें गोली मार दी जाए।
जिन गांवों में शुरुआती घटनाएं हुई हैं, उन्हें पहले सेक्टर में रखा गया है और वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे गांवों में सिसैया चूड़ामणि, नयापुरवा, वनगरा आदि हैं। दूसरे सेक्टर में जंगलपुरवा, लोनियापुरवा और बस्ती गांव हैं। तीसरे सेक्टर में मैकूपुरवा, गरेठी, मंगलपुरवा, दीवानपुरा आदि गांव हैं। तीसरे सेक्टर पर भी शूटरों का फोकस रहेगा।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हर सेक्टर में पांच-पांच टीमें तैनात की गई हैं। तीन टीमें रात में गश्त करती हैं और दो टीमें दिन में। एक रिजर्व टीम भी है जो डीएफओ बहराइच के निर्देश पर भेड़ियों के मूवमेंट की सूचना पर संबंधित जगह भेजी जाएगी। डीएफओ बहराइच को को-ऑर्डिनेशन करना है, इसलिए उनको किसी टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया है।
तीनों सेक्टरों में टीमों को ड्रोन दिए गए हैं। इसके अलावा कैमरे भी लगाए गए हैं। कैमरों से यह देखा जा रहा है कि कुछ ही घंटे में भेड़िया कई किलोमीटर की दूरी पर दिखाई पड़ता है तो इसका मतलब है कि वह दूसरा भेड़िया है। अगर तीन-चार दिन के बाद देखा जा रहा है तो हो सकता है कि वही मूवमेंट करके चला गया हो। जब पता चलता है कि वहां पर भेड़िया है तो फिर पकड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है। खेत में एक तरफ जाल और तीन तरफ से हांका लगाया जाता है। ऐसे में भेड़िया जाल की तरफ भागता है।
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