महिला का रेप के प्रयास का आरोप सत्र न्यायालय ने भी नकारा, रिवीजन खारिज
आगरा। एक महिला द्वारा पुलिसकर्मी पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोर्ट में दी गई अर्जी खारिज होने पर रिवीजन में भी सत्र न्यायालय से महिला को निराशा ही हाथ लगी। अधीनस्थ कोर्ट के अर्जी खारिज करने के आदेश को सत्र न्यायालय ने भी बरकरार रखा है।
- निबोहरा में भागवत कथा के दौरान हुए बवाल के बाद महिला ने पुलिसकर्मी के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए दी थी कोर्ट में अर्जी
रिवीजन को निरस्त करते हुए अपर जिला जज 9 यशपाल सिंह सिंह लोधी ने अधीनस्थ वादिनी को राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया।
मामले के अनुसार ग्वालियर की एक महिला ने थाना निबोहरा में तैनात पुलिसकर्मी विक्रम उर्फ विक्रांत चौधरी के विरुद्ध दुराचार के प्रयास का आरोप लगाते हुए उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने हेतु अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। महिला का कथन था कि वह निबोहरा में आयोजित कौशिक जी महाराज की भागवत कथा सुनने आई थी। 14 मई, 2024 की शाम सवा छह बजे वह कथा पंडाल से सटे खेत में लघुशंका हेतु गई थी, तभी एक पुलिसकर्मी ने उसे आकर दबोच लिया। पुलिसकर्मी ने अश्लील हरकतें हुए वादिनी के साथ दुराचार का प्रयास किया।
वादिनी के प्रार्थना पत्र पर अधीनस्थ न्यायालय द्वारा सम्बंधित थाने से आख्या तलब की गई। थाने से आख्या प्रेषित की गई कि कथा को सकुशल संपन्न कराने हेतु इलाका पुलिस के अतिरिक्त अन्य थानों का भी फोर्स कथास्थल पर लगाया गया था। वहां पवन शर्मा, प्रशांत शर्मा एवं सत्यभान द्वारा बाधा डालकर हंगामा किया गया।
पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट, गालीगलौज की गई। आरोपित पुलिसकर्मी विक्रांत चौधरी की वर्दी भी फट गई थी। आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने पर पेशबंदी के लिए वादिनी द्वारा उक्त प्रार्थना पत्र दिया गया है।
पुलिस द्वारा प्रेषित आख्या के अवलोकन के उपरांत अधीनस्थ न्यायालय द्वारा मुकदमा दर्ज कराये जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को खारिज करने पर वादिनी ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय में रिवीजन किया, जिसे अपर जिला जज यश पाल सिंह लोधी ने खारिज कर अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को यथावत रखने के आदेश दिये।
पुलिसकर्मी की तरफ से अधिवक्ता नीरज पाठक द्वारा पैरवी की गई।
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