आगरा में भाजपा विधायक धर्मेश और पूर्व मंत्री हरित के बीच हाथापाई

आगरा। भाजपा से जुड़े दो बड़े दलित नेताओं के बीच आगरा में आज हाथापाई हो गई। इनमें एक मौजूदा विधायक डॊ. जीएस धर्मेश हैं तो दूसरे पूर्व मंत्री डॊ. रामबाबू हरित। लोकतंत्र सेनानी की शवयात्रा के दौरान यह घटनाक्रम हुआ और इसका वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है।

Mar 25, 2025 - 15:13
Mar 25, 2025 - 15:16
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आगरा में भाजपा विधायक धर्मेश और पूर्व मंत्री हरित के बीच हाथापाई
आगरा के अर्जुन नगर इलाके में मंगलवार को लोकतंत्र सेनानी चिरंजी लाल कुशवाह की शवयात्रा के दौरान आपस में भिड़ते विधायक डॊ.जीएस धर्मेश और पूर्व मंत्री डॊ. रामबाबू हरित।  

-लोकतंत्र सेनानी की शवयात्रा के दौरान हुआ घटनाक्रम, दोनों नेताओं के बीच गाली गलौज भी हुई

-दोनों नेताओं के बीच बहुत पहले से चला आ रहा है टकराव, गनर व अन्य नेताओं ने किए अलग

शहर के अर्जुन नगर इलाके में आज सुबह लोकतंत्र सेनानी चिरंजी लाल कुशवाह का निधन होने पर उनकी शवयात्रा निकाली जा रही थी। इसमें लोकतंत्र सेनानी के परिजनों के अलावा भाजपा के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल थे। शवयात्रा में छावनी के विधायक डॊ. जीएस धर्मेश और पूर्व मंत्री डॊ. रामबाबू हरित भी शामिल थे।

इस घटना के वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि डॊ. धर्मेश शवयात्रा में शामिल डॊ. रामबाबू हरित से कहते हैं कि वे एक साइड में हटकर चलें। इसका रामबाबू हरित ने विरोध किया और देखते ही देखते पहले तो दोनों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। चंद सेकेंट में दोनों के बीच हाथापाई होने लगी। यह देख वहां विधायक डॊ. धर्मेश के गनर ने दोनों नेताओं को अलग किया।

गनर द्वारा दोनों नेताओं को अलग-अलग किए जाने के बावजूद दोनों नेता एक-दूसरे को गाली गलौज करते सुने गये। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमेंद्र शर्मा और विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी दोनों नेताओं के बीच पहुंच चुके थे और दोनों को अलग-अलग दिशाओं में ले गये।

बता दें कि दोनों दलित नेताओं के टकराव पहले से बहुत है। एक समय था जब डॊ. रामबाबू हरित भाजपा के बड़े दलित नेता थे। वे तीन बार विधायक और एक बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी ऱहे। भाजपा का दलित चेहरा अब डॊ. जीएस धर्मेश हैं जो पिछली दो बार से छावनी से विधायक चुने जा चुके हैं और योगी की पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

एक शवयात्रा के दौरान भाजपा के दो बड़े नेताओं के बीच का यह अप्रिय घटनाक्रम भाजपा के नेताओं ही नहीं, कार्यकर्ताओं को भी असहज कर रहा है। लोग कह रहे हैं कि कम से शवयात्रा के मौके पर तो ऐसा नहीं करना चाहिए था।

SP_Singh AURGURU Editor