संजय राउत के बयान से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, एलसीपी को तोड़ने में जुटे हैं अजित पवार
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने वाला दावा किया है। उन्होंने बुधवार (8 जनवरी) को कहा कि उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) में फिर से फूट डालने की कोशिश कर रही है।
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि एनसीपी शरद पवार की पार्टी के सांसदों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और इसके नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का प्रलोभन दिया जा रहा है। राउत का ये बयान एनसीपी नेता अमोल मिटकरी के उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के कुछ लोकसभा सदस्य महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के संपर्क में हैं।
एनसीपी (एसपी) विधायक और पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने यह भी आरोप लगाया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के राज्य प्रमुख सुनील तटकरे ने प्रतिद्वंद्वी गुट के सांसदों को छोड़ने के लिए कहा था। इन दावों पर तटकरे की प्रतिक्रिया का इंतजार है। संजय राउत ने कहा, ''वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में दलबदल कराने का काम सौंपा गया है। जब तक एनसीपी शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े से दलबदल नहीं करवा लेती, तब तक उसे केंद्र सरकार में कोई पद नहीं मिलेगा।''
वहीं दूसरी ओर, एनसीपी के दोनों धड़ों के साथ आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ''अगर एनसीपी के दोनों धड़ों को साथ आना है, तो सुनील तटकरे ने हमारे लोकसभा सदस्यों को पाला बदलने का प्रस्ताव क्यों दिया? उनका प्रस्ताव था कि 'पिता-पुत्री को छोड़ो और हमारे पास आओ'...मुझे लगता है कि तटकरे खुद नहीं चाहते कि दोनों पवार फिर से एक हो जाएं।'' तटकरे का इशारा शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले की तरफ था। आव्हाड ने यह भी दावा किया कि एनसीपी के दोनों धड़ों के जल्द ही फिर से एक होने की खबरों का उद्देश्य बीजेपी की सहयोगी और जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार पर दबाव डालना है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि केंद्र में बीजेपी सरकार को अन्य हलकों से समर्थन मिल सकता है।
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