भारत के लिए एक साथ आए रूस और यूक्रेन

मॉस्को। एक दूसरे के साथ करीब तीन वर्षों से भीषण युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन पहली बार किसी एक उद्येश्य के लिए साथ आए हैं, तो इसकी वजह भारत बना है। रूस और यूक्रेन ने भारतीय नौसेना के लिए एक युद्धपोत को बनाने के लिए एक ही समय पर काम किया। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शीर्ष स्तरीय मॉस्को यात्रा के दौरान इसे नई दिल्ली को सौंपा गया है। भारत ने 2016 में रूस को दो नौसैनिक जहाजों के लिए ऑर्डर दिया था। आईएनएस तुशिल उनमें से एक है।

Dec 10, 2024 - 15:16
 0
भारत के लिए एक साथ आए रूस और यूक्रेन

 

आईएनएस तुशिल क्रिवाक तृतीय श्रेणी का युद्धपोत है, जो एडवांस मिसाइल से लैस है। वर्तमान में भारतीय नौसेना ऐसे छह युद्धपोत का संचालन करती है। ये सभी रूस में बने हुए हैं। रूस में बनाए जा रहे दो युद्धपोतों के अलावा दो और जहाजों का निर्माण भारत में होना है। इनके गोवा शिपयार्ड में निर्मित होने की संभावना है।

दिलचस्प बात ये है कि इन युद्धपोत में लगने वाले प्राथमिक इंजन यूक्रेन में बनाए जाते हैं। भारतीय नौसेना के बेड़े में मौजूद अधिकांश जहाज गैस टर्बाइन इंजन का इस्तेमाल करते हैं, जिसे यूक्रेनी कंपनी जोर्या-मैशप्रोक्ट बनाती है। समुद्री गैस टर्बाइन के उत्पादन में इस कंपनी को दुनिया में शीर्ष में गिना जाता है।

यहां ध्यान देने की बात है कि भारत ने जब इस युद्धपोत के लिए ऑर्डर दिया है, उस समय रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है और दोनों देशों ने जंग के बीच ऑर्डर दिया है। लेकिन इसके पूरा करने में चुनौती भी बड़ी थी। भारत को इन इंजनों को यूक्रेन से खरीदना था और उन्हें युद्धपोत पर स्थापित करने से पहले रूस को डिलीवर करना था। इसकी वजह से इसमें कुछ देरी भी हुई है।

आईएनएस तुशिल भारतीय नौसेना का नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है। तुशिल का मतलब होता है रक्षक कवच। इसका शिखर अभेद्य ढाल का प्रतिनिधित्व करता है। आईएनएस तुशिल 'प्रोजेक्ट 11356' के तहत बना एक रूसी क्रिवाक तृतीय श्रेणी का युद्धपोत है। प्रोजेक्ट 11356 तलवार श्रेण के युद्धपोत का कोड नाम है। यह भारतीय नौसेना के लिए रूस में डिजाइन और निर्मित स्टील्थ, गाइडेड-मिसाइल युद्धपोत का एक क्लास है। साल 1999 और 2013 के बीच रूस ने भारत के लिए ऐसे छह जहाज बनाकर दिए हैं।

भारत के लिए बनाए जा रहे दो युद्धपोतों में से पहला सोमवार को डिलीवर किया गया है। दूसरे की डिलीवरी में कुछ समय लग सकता है। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगा, जिसे हिंद महासागर में तेजी से बढ़ती चीनी नौसेना की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। चीन अपनी नौसेना को तेजी से बढ़ा रहा है और यह दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाली नेवी बन गई है। ऐसे में भारती नेवी के बेड़े में नए युद्धपोत के पहुंचने से चीन की टेंशन बढ़नी तय है।

 

 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow