फिर अटक गया रुई की मंडी आरओबी
आगरा। रुई की मंडी रेलवे फाटक पर जाम के झाम से मुक्ति की राह में मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले रूई की मंडी के व्यापारियों का विरोध और अब बारहखंभा पर रेलवे लाइन के नजदीक बना आंबेडकर सामुदायिक भवन को हटाने पर विवाद।

विधायक धर्मेश समाधान निकालने के लिए हुए सक्रिय
रेलवे ने विवाद के बाद काम रोक दिया है। इससे ईदगाह रेलवे स्टेशन को सीधे जोड़ने के लिए रुई की मंडी, नगला छउआ और बारहखंभा पर तीन अलग-अलग आरओबी बनाने की योजना लटक सकती है।
रेलवे ने रुई की मंडी रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए तीन आरओबी बनाने की योजना को अंतिम रूप देते हुए कार्य प्रारंभ किया था। इससे पूर्व स्थानीय विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के प्रयास से सदर तहसील चौराहे से ईदगाह स्थित पूर्व में आईओसी डिपो तक आरओबी बनाने के लिए भूमि पूजन भी हो गया था पर इससे रुई की मंडी फाटक पर जाम की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था।
विधायक धर्मेश की लगातार पैरोकारी के बाद तीनों जगह पर आरओबी बनाकर ईदगाह रेलवे स्टेशन से जोड़ने की योजना को मंज़ूरी मिल गई। इसके बाद रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने आरओबी निर्माण के लिए कार्य भी शुरू कर दिया।
बारहखंभा पर आरओबी निर्माण में अंबेडकर भवन की अड़चन आने पर उसे हटाने के लिए जैसे ही नोटिस दिया गया, उसके तुरंत बाद राजनीति गरमा गई। बसपा सुप्रीमो मायावती और आजाद पार्टी के प्रमुख एवं सांसद चंद्रशेखर विवाद में कूद पड़े। विवाद बढ़ता देख रेलवे ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।
धर्मेश बोले- निकालेंगे समाधान
क्षेत्रीय विधायक डॉ. जीएस धर्मेश का कहना है कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को किसी भी सूरत में नहीं हटने देंगे। जब निर्माण हो रहा था, तब रेलवे के अधिकारी कहां सो रहे थे। उन्होंने कहा कि वह मौके पर जाकर स्थिति देखेंगे। लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए आरओबी का निर्माण होना भी जरूरी है। इसके लिए वह अधिकारियों संग वार्ता कर कोई न कोई समाधान जरूर निकालेंगे।