रिटायर्ड कर्नल को इमरजेंसी छोड़ भागे जेलकर्मी, डॉक्टरों ने मृत पाया
आगरा। सेना के रिटायर्ड कर्नल विजय पाल सिंह तोमर को आज अपराह्न रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। वे इन दिनों जेल में थे। दोपहर बाद जेलकर्मी उन्हें एसएन की इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
-इमरजेंसी में छोड़ आगे जेलकर्मी-
कर्नल को इमरजेंसी में छोड़कर जेल कर्मचारी वहां से चले गए थे। इधर जेल से कर्नल तोमर के परिजनों को फोन द्वारा सूचित किया गया कि वह इमरजेंसी में पहुंचे। कर्नल तोमर की तबीयत बहुत खराब है। परिवारीजन दौड़े-दौड़े जब इमरजेंसी पहुंचे तो वहां उन्होंने देखा कि कर्नल विजय पाल सिंह तोमर का शव स्ट्रेचर पर पड़ा हुआ है और वहां जेल का कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। इमरजेंसी के डॉक्टरों ने परिजनों को शव से यह कहकर दूर रखा कि यह पुलिस केस है।
-जिला जेल में अफरा तफरी का माहौल-
उधर जिला जेल में कर्नल तोमर की मौत को लेकर अफरातफरी का माहौल था। जेलर से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी हम कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। जल्द ही इस मामले में जेल का पक्ष सामने रखेंगे।
जेल प्रशासन की घबराहट से यह संकेत मिला है कि कर्नल तोमर की मौत जेल के अंदर ही हुई मौत की वजह क्या रही यह तो पोस्टमार्टम होने के बाद ही सामने आ सकेगा। कर्नल तोमर अंबाह, मुरैना के मूल निवासी थे और आगरा में राजपुर चुंगी के पास स्थित गुलमोहर एनक्लेव में रहते थे।
-राना ओवरसीज ने कराया था केस-
सेवा से रिटायरमेंट लेने के बाद कर्नल तोमर ने जूते का व्यवसाय शुरू किया था। जल्द ही वह जूते के एक्सपोर्टर बन गए। हाल ही में विदेश में भेजा गया उनका एक कंसाइनमेंट फंस गया था।
इधर उनकी ओर से राना कंपनी को भी जूते की सप्लाई की गई थी। बाद में राना ओवरसीज की ओर से कर्नल तोमर और उनकी कंपनी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। सिकंदरा पुलिस ने उन्हें जेल भेजा था। इस मामले में कर्नल तोमर जेल में थे।
-कल होनी थी जेल से रिहाई-
बाटा कंपनी की ओर से कराए गए केस में कर्नल तोमर को कल ही हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। बुधवार को उनकी जेल से रिहाई होनी थी, लेकिन रिहाई से एक दिन पहले ही उनकी रहस्यमई परिस्थितियों में मौत से तमाम सवाल खड़े हो गए हैं।
-आर्मी के लिए पर्रिकर को दिया था 21 लाख का चेक-
सेना से लंबे समय तक जुड़ाव रखने वाले कर्नल तोमर रिटायरमेंट के बाद भी भावनात्मक तौर पर जुड़े हुए थे। उरी हमले के बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर जब आगरा आए थे तो कर्नल तोमर ने उन्हें आर्मी वेलफेयर फंड में अपनी ओर से 21 लख रुपए का चेक दिया था।
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