अट्टहास करते रावण का हुआ वध, दहन के साथ जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठीं चहुं ओर दिशाएं

आगरा। खचाखच भरे रामलीला मैदान में आज अहिरावण द्वारा प्रभु राम और लक्ष्मण जी को धोखे से पाताल लोक ले जाने, हनुमान जी द्वारा अहिरावण के वध और दशानन के युद्ध मैदान में उतरने तथा प्रभु राम के साथ लड़ते- लड़ते मारे जाने की लीला का जीवंत मंचन हुआ।

Oct 13, 2024 - 01:09
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अट्टहास करते रावण का हुआ वध, दहन के साथ जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठीं चहुं ओर दिशाएं

लीला मंचन के बाद प्रभु राम ने पुतला रूपी रावण की नाभि में जैसे ही तीर मारा, वह धूँ-धूँ करके जल उठा। इधर रामलीला मैदान जय श्री राम के नारों से गुंजायमान हो उठा। 

गत दिवस मेघनाथ वध की लीला का मंचन हुआ था। उससे आगे की लीला सजीव मंचन हुआ। मेघनाथ के वध का समाचार सुनकर रावण सीधे पाताल लोक में रह रहे अहिरावण के पास पहुँचता है। अहिरावण दशानन रावण की बात सुनने के बाद विभीषण का वेष धारण कर प्रभु राम के शिविर में प्रवेश करता है। 

अहिरावण राम और लक्ष्मण को चुराकर पाताल में ले जाता है। इसकी जानकारी जैसे ही हनुमान जी को मिलती है तो वो पाताल में पहुँच जाते हैं। यहाँ दोनों के बीच युद्ध होता है। अंत में अहिरावण मारा जाता है। 

लीला में दिखाया कि रावण को जैसे ही अहिरावण के मारे जाने का समाचार मिलता है तो वह विचलित हो उठा। दशानन अब स्वयं ही युद्ध मैदान में पहुँच जाता है। प्रभु राम देवताओं की ओर से मिले रथ पर सवार होकर रावण से भीषण युद्ध करते हैं। 

विभीषण ने प्रभु राम को रावण की नाभि में अमृत का रहस्य बताते हुए नाभि में 31 बाण मारने को बोला, जैसे ही प्रभु राम ने रावण की नाभि पर तीर मारे, वह धड़ाम से मैदान में गिर पड़ा। प्रभु राम की सेना जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगी। आकाश से देवी- देवता पुष्प बरसाने लगते हैं। 

लीला मंचन के बाद हुआ पुतला दहन 

प्रभु राम और रावण के बीच हुए युद्ध की लीला के मंचन के बाद जोरदार आतिशबाज़ी शुरू हुई।जैसे ही प्रभु राम ने रावण के पुतले की नाभि में तीर साधा, वह धूँ धूँ करके जलने लगा। साथ ही ग्रीन पटाके फूटने लगे। 

रावण की आँखों से निकले अंगारे 

इस वर्ष रावण का पुतला कागज, लकड़ी और गत्ते से तैयार किया गया था। इसकी विशेषता थी कि रावण की आंखों से अंगारे निकलते दिखने लगे थे और इसके हंसने की आवाज भी सुनाई दे रही थी। रावण के पुतले का निर्माण मथुरा की किया था। पुतला बनाने के काम में वे कई दिनों से जुटे थे।

ईको फ़्रैंडली पटाखों का हुआ प्रयोग 

इस वर्ष रावण दहन व आतिशबाजी में ईको फ्रेंडली पटाखों का प्रयोग किया गया था।जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।

ये रहे मौजूद 

केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, विधायक डॉ. जीएस धर्मेश, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष एवं विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल , महामंत्री राजीव अग्रवाल, भगवान दास बंसल, राजा दशरथ संतोष शर्मा, मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी, पौली भाई, राहुल गौतम आदि। 

जगह जगह हुआ रावण दहन 

शहर में सेकड़ों स्थान पर रावण दहन हुआ। कई क्षेत्रों में बच्चों ने घरों से चंदा कर रावण के पुतले का निर्माण किया। रात होते ही उन्होंने रावण के पुतले फूंकना शुरू कर दिया था।

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SP_Singh AURGURU Editor