वर्ष 2000 में पहली बार आगरा आए थे रतन टाटा
दिग्गज उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा वर्ष 2000 में पहली बार आगरा आए थे। वे यहां दो दिन रुके थे। इस दौरान उन्होंने आगरा स्थित टाटा मोटर्स के डीलर अशोक आटो सेल्स का विजिट भी किया था। देश भर में टाटा मोटर्स के किसी डीलर के यहां यह उनकी पहली विजिट थी।
---रतन टाटा ने देश में पहली बार आगरा में किया था टाटा मोटर्स के किसी डीलर यहां विजिट, अपने ही होटल ताज व्यू में रुके थे
आगरा। दिग्गज उद्योगपति, पद्म भूषण और पदम विभूषण से सम्मानित रतन टाटा वर्ष 2000 में पहली बार आगरा आए थे। इसके बाद उनका दूसरी बार आगरा आगमन वर्ष 2013 में हुआ जब उन्होंने यहां अपने परिवार के साथ ताजमहल देखा था। रतन टाटा के इन दो दौरों के साथ आगरा की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं।
फतेहाबाद रोड स्थित आगरा का पंचतारा होटल गेटवे जो पहले होटल ताज व्यू के नाम से जाना था, वर्ष 2000 में टाटा समूह की ही सम्पत्ति थी। रतन टाटा अपनी पहली आगरा विजिट में अपने ही समूह के इसी होटल में रुके थे।
वह वर्ष 2000 ही था जब रतन टाटा देश में पहली बार टाटा मोटर्स के किसी डीलर के यहां विजिट करने पहुंचे थे। यह सौभाग्य मिला था टाटा मोटर्स के आगरा स्थित डीलर अशोक आटो सेल्स लिमिटेड को।
दरअसल वर्ष 2000 में रतन टाटा जब पहली बार आगरा आए थे तो अशोक आटो सेल्स की मैनेजिंग डाइरेक्टर डा. रंजना बंसल ने उनसे आग्रह किया था कि वे शोरूम और वर्कशाप का विजिट करें। रतन टाटा डा. रंजना बंसल का आग्रह स्वीकार कर नुनिहाई स्थित अशोक आटो सेल्स में पहुंचे थे। रतन टाटा को अशोक आटो सेल्स के शोरूम और वर्कशाप में डा. रंजना बंसल ने स्वयं घुमाया था और उन्हें हर जानकारी दी थी।
शहर के उद्यमी बोले- आर्थिक योद्धा थे रतन टाटा, कोहिनूर चला गया, व्यापार संग सेवा की प्रेरणा दे गए
आगरा। रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर आगरा में भी हर कोई सन्न रह गया। वे थे ही ऐसा व्यक्तित्व, जिसके लिए पूरी दुनिया उनका सम्मान करती थी। शहर के उद्यमियों और प्रमुख व्यापारियों ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है।
रतन टाटा के रूप में देश ने एक अदभुत रत्न खोया है। वे नैतिक मूल्यों की मिसाल थे। अपने अंतिम समय में एयर इंडिया के अधिग्रहण, विश्व के सबसे कीमती आटोमोबाइल्स सेक्टर जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए। टाटा कंसल्टेंसी जैसी विश्व की चुनिंदा कंपनियां उन्हीं की देन हैं। ऐसे राइज आर्थिक योद्धा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
- पूरन डावर
अध्यक्ष एफमेक, आगरा।
रतन टाटा कोहिनूर हीरा थे। कोहिनूर हीरे पर क्या विचार दूं। हीरा तो हीरा ही रहेगा। चाहे वह मौजूद हो या नहीं। रतन टाटा भले ही आज हमारे बीच में नहीं रहे हैं, लेकिन वे हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे। यह जीवन का सत्य है कि जो आता है, उसे जाना भी होता है, लेकिन अफसोस तब होता है कि जब आपके शरीर से कोई हीरा निकल जाए। रतन टाटा के रूप में देश से कोहिनूर हीरा निकल गया। सादर नमन।
- नजीर अहमद
- शू एक्सपोर्टर, पार्क एक्सपोर्ट।
रतन टाटा का जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। रतन टाटा ने व्यापार में जो नियम और उसूल अपनाए, वे एक मिसाल हैं। सबसे बड़ी बात यह कि उन्होंने उद्यमियों और व्यापारियों को यह सीख दी कि व्यापार संग समाजसेवा भी की जा सकती है। हम सब ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वे प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
- प्रहलाद अग्रवाल
अध्यक्ष, टूरिस्ट वैलफेयर चैंबर
What's Your Reaction?