गुरुद्वारा गुरु का ताल में आस्था का रेला, गुरमत समागम का कल समापन

आगरा। गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे 37वें वार्षिक गुरमत समागम में दूसरे दिन श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे।

Oct 2, 2024 - 19:56
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गुरुद्वारा गुरु का ताल में आस्था का रेला, गुरमत समागम का कल समापन
गुरुद्वारा गुरु का ताल में आयोजित गुरमत समागम में शब्द कीर्तन करते रागीजन।

यह समागम गुरुद्वारा गुरु का ताल की सेवा संभालते हुए इसे भव्यता प्रदान करने वाले संत बाबा साधु सिंह मौनी और बाबा निरंजन सिंह की याद में होता है। 

गुरुद्वारे के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह और जत्थेदार  बाबा राजेंद्र सिंह  ने बताया कि समागम के दूसरे दिन दो कीर्तन दीवान सजाए गए, जिसमें मुख्य रूप से रागी भाई अमनदीप सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर, भाई हरजोत सिंह जख्मी जालंधर और जत्थेदार शामिल हुए। दीवान के अंत में आनंद साहिब का पाठ हुआ और उसके बाद समाप्ति अरदास व हुकुमनामे के साथ हुई।

लंगर में हर चार घंटे में नए व्यंजन

गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे समागम में आगरा  व आसपास के क्षेत्र के अलावा उत्तराखंड और पंजाब से भी काफी संख्या में संगत प्रतिवर्ष यहां पहुंचती है। यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर का विशेष इंतजाम किया गया है। गुरुद्वारा में कई वर्षों से लंगर की सेवा संभाल रहे बाबा अमरीक सिंह ने बताया कि कीर्तन समागम के दौरान 24 घंटे लंगर व चाय की सेवा जारी रहती है। लंगर के साथ मिष्ठान मैं जलेबी व लड्डू वितरित किए जा रहे हैं। हर चार से पांच घंटे बाद अलग व्यंजनों के साथ लंगर तैयार किया जा रहा है। लंगर पूरी श्रद्धा के साथ संगत में वितरित किया जा रहा है। 

कल होगा अमृत संचार  

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि समागम की समाप्ति के दिन तीन अक्टूबर को सुबह गुरुद्वारा मंजी साहिब में अमृत संचार कराया जाएगा। अमृत पान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को ककार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से ही उपलब्ध कराएं जाएंगे। अमृत पान करने वाले श्रद्धालु सुबह केसी स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुरुद्वारा मंजी साहब में सुबह 9 बजे तक पहुंच जाएं। दिल्ली से आए पंज प्यारे यहां अमृत पान कराएंगे।

इनकी मौजदगी खास थी

दलजीत सिंह सेतिया, उपेंद्र सिंह लवली, बॉबी वालिया, परमजीत सिंह सरना, चौधरी मनजीत सिंह, बिंदर सिंह, शेर सिंह महंत हरपाल सिंह, ग्रंथी अजैब सिंह टीटू, ग्रंथी हरबंस सिंह, ग्रंथी वीर सिंह, ग्रंथी सतवीर सिंह, ग्रंथी हरनाम सिंह।

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SP_Singh AURGURU Editor