देवउठान एकादशी पर बटेश्वर में आस्था का रेला, संतों ने किया राजसी स्नान, भारी भीड़
बटेश्वर। देवउठान एकादशी के मौके पर निर्मोही अखाड़े का महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 बाबा बालक दास और उनके शिष्यों के ने बाबा बटेश्वरनाथ धाम पर यमुना में पहला राजसी अमृत स्नान किया। इसके बाद श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला चला जो पूरे दिन जारी रहा। भक्ति भाव हिलोरें ले रहा था। यमुना मैया के जयकारों साथ स्नान और फिर ब्रह्मलाल के दर्शन करने वालों का तांता लगा हुआ था।
बटेश्वर में यमुना के घाटों पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस भी सतर्क थी। यमुना में स्टीमर पर तैराक गश्त कर रहे थे। बटेश्वरनाथ मंदिर पर दर्शनार्थियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी पुलिसकर्मी लगे हुए थे।
देवउठान एकादशी से पहले ही यहां का लोक मेला क्रीड़ा प्रतियोगिताओं के साथ शुरू हो चुका था। एकादशी पर बटेश्वर में यमुना में स्नान कर सात कोसी परिक्रमा करने और बटेश्वर नाथ के दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं। देश भर के बड़े संतों और महात्माओं के बटेश्वरनाथ में पहले से ही अखाड़े लग जाते हैं। इस बार भी बटेश्वर के प्राचीन लोक मेला में साधु संतों का डेरा है।
एकादशी पर तीर्थस्थल बटेश्वर में यमुना में प्रथम राजसी अमृत स्नान के साथ साधु संतों ने सप्तकोसीय परिक्रमा भी की। परिक्रमा के दौरान संतों के शिष्यों ने करतब भी दिखाए। यह परिक्रमा निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 बाबा बालक दास महाराज के नेतृत्व में हुई। इसमें अखाड़े के साधु संतों के अलावा बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल थे।
परिक्रमा के आगे और पीछे घुड़सवार पुलिस चल रही थी। इस दौरान हर हर महादेव और बटेश्वर नाथ के जयकारे गूंज रहे थे।परिक्रमा के दौरान साधु संतों की तलवारबाजी और गदाबाजी हैरतअंगेज करतब देखते ही बन रहे थे। लोक मेला आयोजन को लेकर पुलिस प्रशाशन ने पहले ही पुलिस चौकियां स्थापित कर ली थीं, जिन पर तैनात पुलिसकर्मी मेला क्षेत्र में बारीकी से नजर रखे हुए थे।
बता दें कि बाबा बालक दास और साधु संतों द्वारा कई वर्षों से तीर्थ धाम बटेश्वर में पांचवें कुंभ की मांग चली आ रही है। ताकि बटेश्वर का उद्धार हो सके।
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