राणा सांगा मामले में अखिलेश यादव और सांसद सुमन के खिलाफ वाद दायर
आगरा। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन द्वारा एतिहासिक पुरुष और वीर योद्धा राणा सांगा (राणा संग्राम सिंह) के विरुद्ध संसद में की गई अभद्र टिप्पणी और उन्हें गद्दार कहने पर आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने उनके विरुद्ध कोर्ट में वाद दायर कर दिया है। सुमन के बयान का समर्थन करने पर अधिवक्ता ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी प्रतिवादी बनाया है।

- आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने वाद में कहा- तथ्य गवाह हैं कि बाबर को भारत में दौलत खान लोदी लाया था
आज ही इस केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन में हुई। न्यायाधीश ने फाइल को अग्रिम आदेश के लिये रख लिया है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिकरवार, एसपी सिंह सिकवार, शिव आधार सिंह तोमर, संतोष धाकरे न्यायालय में उपस्थित रहे।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कहा है कि मीडिया से जानकारी मिली कि विपक्षी रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा के बारे में झूठ फैलाया कि राणा सांगा ने बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए आमंत्रित किया था जो कि उपलब्ध ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार एक झूठा तथ्य है।
बाबर ने स्वयं लिखा है- उसे भारत में दौलत खान लोदी ने बुलाया था
अधिवक्ता ने कहा कि बाबरनामा, जिसका अंग्रेजी में अनुवाद एनेट सुज़ाना बेवरिज ने किया है, के प्रथम भाग में पेज संख्या 439, 440 और 441 पर उल्लेख है कि बाबर को पंजाब के तत्कालीन गवर्नर दौलत खान लोदी ने भारत में इब्राहिम लोदी के विरुद्ध आक्रमण करने के लिए बुलाया था। बाबरनामा में बाबर ने स्वयं लिखा है कि बाबर से इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलत खान लोदी और अलाउद्दीन आलम खान लोदी ने भारत आने की प्रार्थना की थी। इब्राहिम लोदी द्वारा अपने बेटे दिलावर खान लोदी और आम खान को बाबर के पास काबुल भेजे जाने का जिक्र भी बाबरनामा में है।
लाहौर के गजेटियर में भी दौलत खान लोदी का जिक्र
अजय प्रताप सिंह ने अपने कथन के समर्थन में अविभाजित पंजाब सरकार के अधीन प्रकाशित गजेटियर ऒफ लाहौर डिस्ट्रिक्ट 1834-84 के पेज संख्या 20 का हवाला देते हुए कहा है कि इस गजेटियर में भी यही लिखा है कि बाबर को दौलत खान लोदी ने भारत में आमंत्रित किया था।
बाबरनामा में है राणा सांगा-बाबर के युद्ध का जिक्र
एनेट सुज़ाना बेवरिज द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित बाबरनामा के पेज संख्या 547 का जिक्र करते हुए अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने अपने वाद में कहा है कि इसमें उल्लेख है कि बाबर राणा सांगा के विरुद्ध 11 फरवरी 1527 को आगरा छोड़कर फतेहपुर सीकरी की तरफ गया था। अनुवादित बाबरनामा के पेज संख्या 548 पर उल्लेख है कि बाबर ने राणा सांगा के विरुद्ध 16 फरवरी 1527 को सीकरी झील पर अपना कैम्प स्थापित किया था।
इसी के पेज संख्या 550 पर उल्लेख है कि बाबर ने सीकरी की झील के किनारे अपने कैम्प को मजबूत किया था। बाबरनामा के अलावा सिकरवारों की ख्यात में भी इस तथ्य का उल्लेख है कि बाबर ने सीकरी की झील पर अपना कैम्प स्थापित किया था।
राजकवि विद्याधर ने किया है राणा-बाबर युद्ध का जिक्र
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने आगरा में अधीक्षण पुरातत्वविद रहे डीवी शर्मा की पुस्तक आर्केलॊजी ऒफ फतेहपुर सीकरी न्यू डिस्कवरीज का उल्लेख करते हुए कोर्ट को अवगत कराया है कि इस पुस्तक में उन्होंने राजकवि विद्याधर द्वारा रचित ख्यात का वर्णन किया है, जिसका विवरण निम्नलिखित है-
सम्वत् पन्द्रह सौ चौरासी, महिमा करत बखान।
युद्ध ठनो मुगलन सेना सों, कनवां को मैदान।।
सुनि संग्राम की बढ़ती शक्ति, बाबर जब घबड़ायो।
सजि लियो मुगलन की सेना, दिल्ली से आगरा आयो।।
राणा-बाबर के बीच युद्ध का ब्यौरा भी दिया वाद में
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह इन तथ्यों के जरिए यह सिद्ध कर रहे हैं कि बाबर और राणा सांगा के बीच तो युद्ध हुआ था। ऐसे ही कुछ और तथ्यों का ब्यौरा देते हुए अधिवक्ता ने अपने वाद में कहा है कि बाबर जब लगातार युद्ध के बाद भी राणा सांगा से नहीं जीत पाया तो उसने सीकरी झील से अपना कैम्प छोड़कर खानवा पहाड़ी में अपना शिविर स्थापित कर लिया था। उन्होंने बाबरनामा के हवाले से यह भी बताया है कि बाबर और राणा सांगा की सैन्य शक्ति क्या थी और दोनों ओर से कितने योद्धा इस युद्ध में मारे गये थे।
अधिवक्ता ने न्यायालय से मांग की कि न्यायालय द्वारा यह उदघोषणा की जाए कि बाबर को इब्राहिम लोदी पर आक्रमण करने के लिए दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था न कि राणा सांगा ने और 17 मार्च 1527 ई. के अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर हुआ था न कि खानवा में।
किस आधार पर बोल रहे सुमन और समर्थन कर रहे अखिलेश
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कहा कि जब ब्रिटिश सरकार के 100-150 साल पुराने अभिलेखों जब यह लिखा है कि बाबर दौलतखान लोदी ने भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया था तो किन दस्तावेजों के आधार पर रामजीलाल सुमन यह दावा कर रहे है कि बाबर को इब्राहीम लोदी के विरुद्ध राणा सांगा ने आमंत्रित किया था जिसका समर्थन अखिलेश यादव भी कर रहे हैं।
कौन हैं अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ वाद दायर करने वाले अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह योगेश्वर श्रीकृष्ण सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान ट्रस्ट, आर्य संस्कृति सरक्षण ट्रस्ट और क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट से जुड़े हैं।