सिपाही पर जानलेवा हमले का ठोस साक्ष्य नहीं दे पाया अभियोजन, आरोपी बरी

आगरा। थाना एत्माद्दौला के एक पुलिस कांस्टेबल के ऊपर हुए जानलेवा हमले के मामले में अभियोजन पक्ष कोर्ट में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया। आरोपी फैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर, एत्माउद्दौला को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

Feb 11, 2025 - 16:08
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सिपाही पर जानलेवा हमले का ठोस साक्ष्य नहीं दे पाया अभियोजन, आरोपी बरी

घटना 04 अक्टूबर 2015 की है। कांस्टेबल अखंड प्रताप अपने साथी पुलिसकर्मी शौकीन सिंह के साथ दिन में करीब 9:05 बजे फाउंड्री नगर में ड्यूटी पर मौजूद थे। इस्लामनगर मोड पर दो-तीन लोग पुलिस वालों को देखकर भागने लगे। वहीं खड़े एक व्यक्ति से लोगों के भागने का कारण पूछा तो आरोपी ने अपना नाम फ़ैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर बताते हुए अनर्गल बातें करनी शुरू कर दीं। यही नहीं, सिपाही अखंड प्रताप के साथ हाथापाई और गाली गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से गला दबाने लगा। वर्दी भी फाड़ दी। साथी कांस्टेबल शौकीन सिंह ने किसी तरह अखंड प्रताप को बचाया।

कोर्ट में इन दोनों पुलिसकर्मियों से आरोपी के अधिवक्ता राजा बाबू शर्मा, राम शर्मा एवं अंशुल भारद्वाज ने जिरह की तो अखंड प्रताप और शौकीन सिंह कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। थाने की जीडी में भी वर्दी फाड़ने का जिक्र नहीं था। चोट का कोई मेडिकल भी नहीं पाया गया। शौकीन सिंह ने कहा कि उसने वादी अखंड प्रताप सिंह की वर्दी फटी हुई नहीं देखी थी और ना ही उसके खून निकला था। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया।

SP_Singh AURGURU Editor