किस्सागोई दास्तान ए काकोरी की प्रस्तुति ने जोश से भर दिया
मथुरा। काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में काकोरी किस्सागोई कार्यक्रम बुधवार को पांचजन्य प्रेक्षागृह, में हुआ। इस कार्यक्रम ने मौजूद युवाओं के दिलों में देशभक्ति का जोश भर दिया। डॊ. हिमांशु बाजपेयी और वेदांत भारद्वाज की इस संगीतमय प्रस्तुति से राष्ट्र भक्ति का जज्बा हिलोरें मारने लगा।
किस्सागोई के प्रख्यात कलाकार डॊ. हिमांशु बाजपेयी और वेदांत भारद्वाज ने मनोज मेहता के साथ काकोरी ट्रेन एक्शन की प्रस्तुति की शुरूआत की। ये घटना 9 अगस्त 1925 की है।
इतिहास के पन्नों में यह दिन बहुत खास है। असहयोग आंदोलन के बाद इस घटना ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। काकोरी एक्शन को अशफाक उल्लाह खां और पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ने आठ साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। घटनाक्रम को जिस तरह डॊ. हिमांशु भारद्वाज ने प्रस्तुत किया, प्रेक्षागृह में मौजूद दर्शक भी उससे एकचित्त होकर बंध गये। चलती ट्रेन में सरकारी खजाना लूटने की घटना के साथ उन्होंने अशफाक उल्लाह और बिस्मिल की राजनैतिक विचारधारा और आजादी के लिए किए गए संघर्ष को भी बताया।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक इनकी दोस्ती का भी खूबसूरती के साथ वर्णन किया गया। ट्रेन लूट से लेकर चार क्रांतिकारियों को फांसी की सजा को मार्मिक तरीके से बयां किया। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरने वालों का यही बांकी निशां होगा...।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्याम सिंह अहेरिया, उद्योगपति पवन चतुर्वेदी, नवीन मित्तल, ठा. राजेंद्र सिंह, जनार्दन शर्मा, अमित जैन , तीर्थ विकास परिषद के डिप्टी सीईओ सतीश चंद, विकास प्राधिकरण के ओएसडी प्रसून द्विवेदी, वाणी प्रकाशन के चेयरमैन अरुण माहेश्वरी, एमवीडीए के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम, गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॊ. उमेश चंद्र शर्मा, गीता शोध संस्थान वृंदावन के कोआर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार आदि मौजूद रहे।
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