प्रकाश पर्वः गुरुद्वारा गुरु का ताल पर मनमोहक आतिशबाजी, सुबह से देर रात तक उमड़ते रहे श्रद्धालु  

आगरा। सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा का ताल पर सुबह से ही भक्ति की बयार बह रही है। सुबह 4:00 बजे से ही गुरुद्वारा साहिब में संगत  आना शुरू हो गई थी। गुरु ग्रंथ साहिब के आगे माथा टेक और अरदास कर संगत गुरु महाराज की खुशियां प्राप्त कर निहाल हो रही थी।

Nov 15, 2024 - 23:12
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प्रकाश पर्वः गुरुद्वारा गुरु का ताल पर मनमोहक आतिशबाजी, सुबह से देर रात तक उमड़ते रहे श्रद्धालु   
प्रकाश पर्व पर बिजली की रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाता गुरुद्वारा गुरु का ताल। परिसर में उमड़े श्रद्धालु भी दिखाई दे रहे हैं।

 गुरुद्वारा गुरु का ताल के हजूरी रागी भाई हरजीत सिंह ने शबद कीर्तन के माध्यम से गुरु नानक देव जी के संदेश को संगत के साथ साझा किया। उन्होंने सतगुरु नानक परगटिया मिट्टी धुंध चानन होया... और कल तारण गुरु नानक आया...शब्द का गायन किया। कथावाचक ज्ञानी केवल सिंह ने कथा के माध्यम से गुरु नानक देव जी के संदेश नाम जपो,  कृत करो,  वण्ड छको से संगत को अवगत कराया।

 

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव जी  के उपदेश केवल एक धर्म या जाति के लिए नहीं बल्कि सर्व समाज के लिए हैं। उन्होंने अपनी वाणी के माध्यम से सभी वर्णों को उपदेश देकर ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव, जात-पात जैसी कुरीतियों का खंडन किया है। प्रतिवर्ष प्रकाश पर्व के अवसर पर एक लाख से अधिक संगत गुरु घर में माथा टेकने के लिए आती है, जिसमें सिख समाज के साथ-साथ सभी धर्म जाति के लोग शामिल होते हैं।

 

सभी एक साथ बिना किसी भेदभाव के दरबार साहिब में माथा टेकते हैं और एक साथ पंक्तिबद्ध होकर लंगर प्रसाद ग्रहण कर गुरु घर की खुशियां प्राप्त करते हैं।

 

 

रंग-बिरंगी सजावट और इको फ्रेंडली आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र

 

गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा गुरु का ताल को बहुत ही सुंदर आकर्षक तरह से सजाया गया था। गुरुद्वारे की एक झलक पाकर ही श्रद्धालु इस भव्य सुंदरता को देख काफी रोमांचित नजर आ रहे थे। रंग-बिरंगी लाइटों के साथ-साथ झिलमिल करती झालरें इसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ा रही थीं। यहां आ रहे श्रद्धालु गुरुद्वारा परिसर की एक झलक पाने के साथ-साथ इस सुंदर लाइटिंग के साथ सेल्फी लेते हुए भी नजर आ रहे थे। बच्चे हों या बड़े बुजुर्ग अथवा महिलाएं, सभी इस विहंगम दृश्य का साक्षी बनने के लिए सेल्फी ले रहे थे।

 

वहीं रात्रि 9:00 बजे संत बाबा प्रीतम सिंह ने आतिशबाजी का उद्घाटन किया। अलीगढ़ से आए विख्यात आतिशबाजी सरदार मोहन सिंह ने इको फ्रेंडली आतिशबाजी के माध्यम से अनेक आइटम दिखाए। मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी में अधिकतम ऐसे आइटम थे जिनमें धुआं कम से कम हो।

 

आतिशबाजी के माध्यम से गुरु नानक देव जी के अनेक संदेश यहां दर्शाए गए। साथ ही एक ओंकार, खंडा साहिब की आकृति भी श्रद्धालुओं को बहुत रोमांचित करती नजर आई। इसके अलावा तरह-तरह के रॉकेट वह हवाई आतिशबाजी ने श्रद्धालुओं को बहुत ही रोमांचित कर दिया। लगभग डेढ़ से 2 घंटे तक आसमान में रोशनियां ही रोशनियां नजर आ रही थीं। जोरदार गूंज के साथ रंग-बिरंगे सितारे बिखेरती हवाई आतिशबाजी को देखने के लिए संगत टकटकी लगाए घंटों तक एक ही स्थान पर खड़ी रही।

 

लंगर वितरण के लिए रही विशेष व्यवस्था

 

प्रकाश पर्व के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर की विशेष व्यवस्था की गई थी। लंगर तैयार करने से लेकर वितरण की व्यवस्था देख रहे बाबा अमरीक सिंह ने बताया कि सुबह 8:00 से लेकर रात्रि 1:00 बजे तक भाई नंदलाल दीवान हॉल में लंगर चलता रहा। लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने यहां लंगर प्रसाद ग्रहण किया। लंगर मिष्ठान वितरण के साथ-साथ लंगर तैयार करने और बर्तनों आदि को साफ करने के लिए अलग-अलग सेवादारों की टीम यहां सेवा कर रही थी, जो प्रातः 3:00 बजे से लेकर रात्रि 1:00 बजे तक लगातार 22 घंटे तक अपनी सेवाये देती रही।

 

जत्थेदार बाबा राजेंद्र सिंह इंदौरिया, बाबा अमरीक सिंह,  महंत हरपाल सिंह, जत्थेदार बाबा पाल सिंह सितारगंज, जत्थेदार बाबा अमर सिंह बंडा शाहजहांपुर, जत्थेदार सतनाम सिंह निजामाबाद, उपेंद्र सिंह लवली, गुरमीत सिंह सेठी, परमजीत सिंह सारण ,चौधरी मनजीत सिंह दलजीत सिंह सेतिया आदि की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

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