पांच से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया का मुख्य कारण प्रदूषण
आगरा। प्रदूषण (विशेषकर धूल व धुआं) व्यक्ति के हर अंग पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, परन्तु इसकी सही जानकारी न तो आम लोगों को है और नही चिकित्सा वर्ग के सभी लोगों को। प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से क्लीन एयर ग्रुप का गठन एम्स दिल्ली के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द गुप्ता द्वारा किया गया है।
-सिर से पैर तक शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचा रहा प्रदूषण
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को इस बात के प्रति जागरूक करना है कि प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों बल्कि ह्रदय, ब्रेन, कैंसर सहित सिर से पैर तक सभी अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों में। यदि हर व्यक्ति थोड़ा-थोड़ा प्रदूषण अपने अपने स्तर से कम करने की जिम्मेदारी ले तो काफी हद तक स्थिति को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पांच से कम वर्ष के बच्चों में निमोनिया का मुख्य कारण प्रदूषण है।
बच्चों में इन बातों का रखें विशेष ख्याल
1-तेज चलने या काम करने पर सांस फूलती हो।
2-लगातार खांसी का बने रहना।
3-रात के समय ठीक से नींद न आना। फेफड़ों में ठीक से ऒक्सीजन न पहुंच पाने के कारण जब सांस ठीक से नहीं ले पाते तो नींद भी ठीक नहीं आती।
4-अधिक नींद आना। बच्चे का स्कूल में सो जाने की शिकायत मिलना प्रदूषण के कारण होने वाली समस्या हो सकती है। इससे बच्चे की शिक्षा व शारीरिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।
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