भगवा वस्त्र को लेकर खरगे बयान पर यूपी में सियासी उबाल
लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ के गेरुआ वस्त्र को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिस पर भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों के साथ ही संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संतों को लेकर कहा था कि कई साधु अब राजनेता बन गए हैं और वे गेरुआ कपड़े पहनकर समाज में नफरत फैला रहे हैं और लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे का ये बयान अब एक विवाद का रूप ले चुका है और इसे लेकर भाजपा और संत समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। मल्लिकार्जुन खरगे पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लग रहा है।
भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने भी खरगे के बयान पर हमला बोला है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसे कांग्रेस की पुरानी मानसिकता करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास हमेशा से झूठ बोलने और समाज में दरार डालने का रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस पार्टी की तुलना मुगल आक्रांताओं से करते हुए ब्रजेश पाठक ने तत्काल माफी मांगने के लिए कहा।
वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी सुभासपा के प्रमुख और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास बांटकर सत्ता हासिल करने का है। कांग्रेस ने पिछड़े, दलित और मुस्लिम समुदायों को धोखा दिया है। सत्ता में रहते हुए इस पार्टी ने कभी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और किसानों के हित पर ध्यान नहीं दिया। बिना वजह की बयानबाजी करके ये केवल चर्चा में बने रहना चाहते हैं।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि खरगे का बयान घटिया और निंदनीय है। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी दी कि अगर वह हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति पर हमले करना बंद नहीं करती, तो संत समाज इसका कड़ा प्रतिकार करेगा। स्वामी जितेन्द्रानंद ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को ऑल इंडिया चर्च कमेटी बताते हुए कहा कि वह हिन्दू और सनातन धर्म पर प्रहार करना छोड़ दें अन्यथा संत समाज कड़ा प्रतिकार करेगी।
वहीं अयोध्या के संत स्वामी करपात्री महाराज ने भी खरगे के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के नाम में 'खड़ग' होता है, जिसका काम होता है बांटना और काटना, जबकि योगी आदित्यनाथ का नाम 'योग' से जुड़ा है, जिसका मतलब होता है जोड़ना। स्वामी करपात्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हिन्दू धर्म पर हमला करने वालों का समर्थन किया है।
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