08 दिन में 18 में से 13 बदमाश दबोचे, खुद पर गोली चली तो सिंघम अवतार में आ गई आगरा पुलिस
आगरा। खुद के ऊपर गोली चली तो आगरा पुलिस सिंघम बन गई है। खेरागढ़ में आठ दिन पहले खनन माफिया ने एक पुलिसकर्मी पर गोली क्या चलाई, पुलिस अब इस घटना के सारे अभियुक्तों को जमीन से भी खोद-खोद कर बाहर ला रही है। वारदात के आठ दिन में पुलिस 18 में से 13 बदमाशों को सींखचों के पीछे डाल चुकी है।
काश! ऐसी तेजी पुलिस और भी मामलों में लाती तो पुलिस की कितनी अच्छी इमेज बनती।
बीते 7 सितंबर को खेरागढ़ में समाध मार्ग पर सुबह 8:00 बजे खनन माफिया ने पुलिसकर्मियों की टीम पर गोली चला दी थी, जिसमें एक सिपाही के सिर में गोली लगी थी। फायरिंग कर माफिया के लोग फरार हो गए थे। इस घटना के बाद पुलिस की बहुत किरकिरी हुई थी। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि खनन माफिया पुलिस की संरक्षण के बगैर फलफूल ही नहीं सकता और अब वही खनन माफिया पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने लगा है।
पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड़ ने भी इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया था। उन्होंने कहा था कि माफिया की यह चुनौती हमें स्वीकार है और माफिया इसके गंभीर परिणाम भुगतेगा।।पुलिस कमिश्नर की तेवर देख उनके मातहत भी सजग हो गए थे। पुलिस की तेजी के नतीजे सामने आने लगे हैं। वारदात के दूसरे दिन ही पुलिस ने 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एसओजी और पुलिस टीम ने संयुक्त मुठभेड़ में तीन बदमाश और गिरफ्तार कर लिए। एक अन्य बदमाश को भी पुलिस ने एनकाउंटर के बाद पकड़ा।
आज सोमवार की सुबह भी एक बदमाश खेरागढ़ और दूसरा सैंया थाने की पुलिस द्वारा मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस प्रकार अब तक 13 बदमाशों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जाहिर है कि पुलिस सिपाही पर गोली चलाने वाले बदमाश भी जानते थे कि अब पुलिस उनके पीछे हाथ धोकर पड़ेगी। वारदात के बाद ये सभी अंडरग्राउंड थे, लेकिन पुलिस की फुर्ती देखिए कि एक-एक कर सारे बदमाशों को गिरफ्तार करती जा रही है।
आमतौर पर अन्य अपराधों के मामले में पुलिस की ऐसी फुर्ती दिखाई दे नहीं देती है। खुद के साथी को गोली लगने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कांस्टेबल तक सब, इन बदमाशों के पीछे हाथ धोकर पड़े और वह एक-एक कर गिरफ्त में आते जा रहे हैं।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस वारदात से एक और सबक लेने की जरूरत है। खेरागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है, जो पुलिस के संरक्षण के बगैर संभव नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी अगर भविष्य में इस तरह की वारदातों को रोकना चाहते हैं तो उन्हें संबंधित थानों की पुलिस के पेंच कसने होंगे जो न केवल अवैध खनन कराती है, बल्कि अपने इलाकों से गाड़ियां भी पास कराती है।
इस मामले में सोमवार सोमवार की सुबह जिन दो और बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक विनोद उर्फ मरिया पुत्र राजू निवासी ग्राम पहाड़ी, खेरागढ़ को थाना सैंया पुलिस ने कटी पुल के पास एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। दूसरा बदमाश 25000 का इनामी देवेंद्र है जिसे जगनेर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
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