पीएम के सीजेआई के घर जाने पर मचा बवाल, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जजों की आचार संहिता का उल्लंघन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के यहां जाकर भगवान गणेश की आरती की। इस पर भारी विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग इसे न्यायपालिका की पवित्रता पर दाग की तरह देख रहे हैं तो एक वर्ग विरोधियों की बौखलाहट देख खुशी का इजहार कर रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ देश के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस (सीजेआई) हैं। यह न्यायपालिका का सर्वोच्च पद है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यपालिका के शीर्ष पदों में से एक पर विराजमान हैं। ऐसे में जब सीजेआई का न्योता पीएम को जाएगा तो उन्हें ठुकराने की कम ही गुंजाइश रहती है। संभवतः इसी वजह से प्रधानमंत्री ने सीजेआई के यहां जाना वाजिब समझा और गए भी। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए खुद इसकी जानकारी भी दी। उन्होंने एक एक्स पोस्ट में गणेश आरती की तस्वीर साझा की। पीएम ने लिखा कि सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रूचूड़ जी के घर पर गणेश पूजा में शामिल हुआ। भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।

Sep 12, 2024 - 13:23
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पीएम के सीजेआई के घर जाने पर मचा बवाल, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जजों की आचार संहिता का उल्लंघन
पीएम मोदी देश के सीजेआई के आवास पर गणेश प्रतिमा की आरती करते हुए।

 

सीजेआई के घर पीएम के जाने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हैरत होती है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी। इससे न्यायपालिका को बहुत बुरा संकेत मिलता है, जिस पर नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे। इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक दूरी होनी चाहिए। उन्होंने दूसरी पोस्ट में जजों के लिए आचार संहिता का जिक्र कर कहते हैं कि इसका उल्लंघन हुआ है। उन्होंने लिखा कि न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता: एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक हद तक दूरी बरतनी चाहिए। वो ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं करे जो उसके उच्च पद और उस पद के प्रति सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो। आचार संहिता का उल्लंघन।

हालांकि एक खास वर्ग के लोग लिखते हैं कि अगर बात सिर्फ पूजा-आराधना की है तब तो ठीक, लेकिन अगर इससे इतर कोई भावना है तब तो गड़बड़ है। ऐसे लोगों का एक बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों के नेताओं की पुरानी तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इफ्तार पार्टी आयोजित करना धर्मनिरपेक्षता है और उससे किसी संस्था की मर्यादा नहीं गिरती है तो सीजेआई के घर गणेश पूजन में पीएम के शामिल होने पर हंगामा क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा की तस्वीर के साथ अंग्रेजी और मराठी, दोनों भाषाओं में पोस्ट शेयर की हैं। तस्वीर में प्रधानमंत्री मराठी टोपी पहने नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि राजनीति की बेहतरीन समझ रखने वाले पीएम मोदी की इस टोपी का कनेक्शन आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से जाकर जुड़ता है। गणेश पूजन अपने आप में पीएम की तरफ से मराठी जनता के लिए बड़ा संदेश है।

 

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