घर में पालतू जानवर रखने वाले अधिक होते हैं डिप्रेशन और चिंता के शिकार
हाल में हुए शोध में संसार में प्रचलित इस धारणा को गलत पाया गया कि घर में पालतू जानवर पालने वाले लोग नकारात्मकता अथवा डिप्रेशन के शिकार कम होते हैं।
नई दिल्ली। संसार में एक धारणा प्रचलित है। जो लोग किसी पालतू जीव जैसे कुत्ता या बिल्ली को पालते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य जीव न पालने वालों की तुलना में बेहतर होता है। शोधकर्ताओं ने इस धारणा को गलत ठहराया है।
शोधकर्ताओं ने छह हजार लोगों पर 12 महीने तक अध्ययन किया। इसमें पालतू जीव पालने वाले और न पालने वाले दोनों लोग शामिल थे। शोधकर्ताओं ने पाया पालतू जीव पालने वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य न पालने वालों की तुलना में अधिक खराब था।
हालांकि अध्ययन में पाया गया कि अकेले रहने वाले लोगों के जीवन में पालतू जीव के आने से उनका अकेलापन कम होता है।
मुख्य शोधकर्ता डेनमार्क के आरहुस विश्वविद्यालय की क्रिस्टीन पारसन का कहना है कि कोविड के दौरान जिन लोगों के पास पालतू जीव थे, वे डिप्रेशन, चिंता और नींद न आने जैसी समस्या से अधिक शिकार हुए।
इंग्लेंड से प्रकाशित जर्नल मेंटल हेल्थ एंड प्रिवेंशन में बताया गया कि इस अध्ययन में 6018 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से 54 प्रतिशत के पास कोई न कोई पालतू जानवर था। 46 प्रतिशत ऐसे लोग थे, जिनके पास कोई पालतू जानवर नहीं था।
एक अन्य प्रचलित धारणा भी इस अध्ययन में गलत पायी गई। एक धारणा है कि अकेली महिलाएं जो बिल्ली पालती हैं, वे अधिक डिप्रेशन की शिकार होती हैं। अध्ययन में यह धारणा भी गलत साबित हुई। बिल्ली पालने वाले पुरुषों में मानसिक परेशानी अधिक दिखायी दी।
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