अच्छी नींद न आने की समस्या से बहुत परेशान हैं लोग
अच्छी नींद न आना आजकल एक बड़ी समस्या बन गयी है। इसका प्रमुख कारण स्ट्रेस, तनाव और आधुनिक जीवन शैली है। युवा देर रात तक अपने मोबाइल और लेपटाप पर बिजी रहते हैं। इसका प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
नयी दिल्ली। वर्तमान समय में लोग अच्छी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं। मानसिक तनाव के कारण उनका मूड अपसेट रहता है और वे चिंतित रहते हैं।
यह खुलासा भारत की पहली टोल फ्री मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन टेली मानस पर आए फोन काल से हुआ है। यह टेली हेल्प लाइन सेवा अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी।
अब तक इनके पास साढ़े तीन लाख फोन काल मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को लेकर आए हैं। इनमें से सर्वाधिक लोगों ने डिस्ट्रब्ड स्लीप (नींद में खलल पड़ना) की समस्या बतायी है। गुरुवार को सरकार द्वारा टेली मानस की असेसमेंट रिपोर्ट जारी की गयी।
इस असेसमेंट रिपोर्ट के अनुसार जितनी काल टेली मानस के पास आयीं उनमें से सर्वाधिक 14 प्रतिशत ने अच्छी नींद न आने तथा मन दुखी रहने की समस्या बतायी। 11 प्रतिशत कालर्स ने स्ट्रेस से संबंधित समस्या तथा नौ प्रतिशत ने एंग्जाइटी को अपनी समस्या बताया।
जितनी शिकायतें टेली मानस को मिली उनमें से आत्महत्या से संबंधित मामले तीन प्रतिशत से भी कम थे।
हेल्पलाइन पर काल करने वाले लोगों में 56 प्रतिशत पुरुष थे। उनमें से भी 72 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिनकी आयु 18 से 45 साल के बीच थी।
टेली मानस को एक बीस वर्षीय छात्रा का फोन आया तथा उसने बताया कि अच्छी नींद न आने के कारण अब उसका जीवन प्रभावित होने लगा है। टेली मानस के काउंसलर्स ने बातचीत के जरिए पता लगाया कि वह छात्रा हास्टल में अपनी मित्रों के साथ रहती है। हास्टल में सेल फोन और लेपटाप के अत्यधिक प्रयोग के कारण उसकी नींद का चक्र गड़बड़ हो गया।
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