'पापा मम्मी को पीटते थे, कहते थे- तू मर क्यों नहीं जाती'

बरेली। आठ साल की बेटी ने कोर्ट में गवाही दी कि पापा मेरे स्कूल की फीस नहीं देते थे। मम्मी अगर अपने खर्चे को रुपये मांगतीं तो पापा पिटाई करते थे। बेटे ने कोर्ट को बताया कि पापा मां से कहते थे कि तू मर क्यों नहीं जाती...। बेटा-बेटी समेत आठ गवाहों की गवाही पर अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी विकास उपाध्याय को दस साल कैद की सजा सुनाई है।

Jan 29, 2025 - 12:14
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'पापा मम्मी को पीटते थे, कहते थे- तू मर क्यों नहीं जाती'

-महिला की आत्महत्या में बच्चों की गवाही पर पति को दस साल की सजा

आरोपी विकास उपाध्याय अपनी पत्नी वंदना के साथ आए दिन मारपीट करता था। दहेज की मांग भी करता था। वंदना ने दो संतानों को जन्म दिया। वर्तमान में बेटे की उम्र करीब 11 वर्ष, बेटी की उम्र करीब आठ वर्ष है। आरोप है कि 29 अगस्त, 2023 को वंदना ने अपनी मां को फोन किया और कहा कि उसे यहां से आकर ले जाएं। ये लोग उसे मार देंगे।

इसके बाद अगले दिन जेठानी की बेटी आरती ने फोन कर कहा कि उनकी बेटी की मृत्यु हो गई है। सभी लोग उसे राममूर्ति अस्पताल लेकर गए हैं। इसके बाद ससुरालीजन शव को अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गए। बारादरी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें मृत्यु की वजह फंदे पर लटकना आई। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी नहीं लिखी तो मृतका की मां मढ़ीनाथ निवासी कामिनी सक्सेना ने एडीजी से फरियाद की। एडीजी के आदेश पर बारादरी थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई।

कामिनी ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने बेटी वंदना की शादी 2011 में संजय नगर निवासी विकास उपाध्याय उर्फ विक्की से की थी। शादी के बाद बेटी को पता चला कि विकास शराबी है और जुआ सट्टा खेलता है।

अपर जिला एवं शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। मृतका के दोनों बच्चों ने भी अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। इसके बाद कोर्ट ने विकास को पत्नी वंदना को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना और और 10 वर्ष की सजा सुनाई।

SP_Singh AURGURU Editor