चैंपियंस ट्राफी के लिए पाक ने लगाई जयशंकर के सामने अर्जी
पाकिस्तान के लिए बड़ा ही मुश्किल वक्त है। उसका क्रिकेट बोर्ड हजारों करोड़ खर्च करके चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए स्टेडियम तैयार करवा रहा है, लेकिन अभी भी यह पक्का नहीं है कि भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करेगी या नहीं। अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है तो इसकी पूरी संभावना है कि एशिया कप की तरह चैंपियंस ट्रॉफी भी हाइब्रिड मॉडल से खेला जाए। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
इस्लामाबाद। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बहाने पाकिस्तान को भारत से क्रिकेट पर बात करने का मौका मिल गया। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पाकिस्तान दौरे पर गए तो वहां उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी आए, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए अर्जी लगाई है। उन्होंने निवेदन किया कि सरकार भारतीय टीम को पाकिस्तान का दौरा करने की अनुमति दे।
इस्लामाबाद में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच दो अलग-अलग मौकों पर अनौपचारिक बातचीत हुई। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली है। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आवास पर एससीओ प्रतिनिधियों के लिए आयोजित डिनर के दौरान जयशंकर और डार के बीच अलग से भी बैठक हुई।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए। वह पीसीबी के अध्यक्ष भी हैं। रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी पक्ष ने अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की भागीदारी का अनुरोध किया है। मीडिया में तरार के हवाले से कहा गया कि न तो हमने और न ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक के लिए अनुरोध किया...लेकिन मेरा मानना है कि उनका (जयशंकर का) यहां आना रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने वाला कदम है।
क्रिकेट की बात करें तो 2012-13 में दोनों टीमों के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी, लेकिन उसके बाद से उनके बीच क्रिकेट के रिश्ते खत्म हो गए थे। इसके पीछे पाकिस्तान की ओर से सीमा पर लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल होना रहा है। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को सह देने को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
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