कोर्ट की अवहेलना पर विवेचक के विरुद्ध मुकदमे के आदेश
आगरा। पुलिस है कि मानती ही नहीँ। अदालतों द्वारा समय-समय पर फटकार लगाए जाने के बाद भी पुलिस कोई सबक सीखने को तैयार नहीं है। ऐसे ही एक मामले में सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने अदालत द्वारा पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने पर थाना ताजगंज से सम्बंधित मामले में मुकदमे के विवेचक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही हेतु आदेश दिये हैं।
-सीजेएम ने कार रिलीज मामले में थानाध्यक्ष ताजगंज से आख्या तलब की थी, आख्या नहीँ प्रेषित करनें पर दिया था नोटिस
मामले के अनुसार आदित्य सिंह तोमर निवासी विनय नगर सेक्टर 4, बहोड़ापुर गिर्द, ग्वालियर मध्य प्रदेश ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता विजय आहूजा एवं साजिद अहमद के माध्यम से थाना ताजगंज में निरुद्ध कार संख्या एम,पी,07, सी,एल 0777 को रिलीज कराने के बाबत 25 नवम्बर 24 को सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। इस पर सीजेएम द्वारा थानाध्यक्ष ताजगंज से आख्या तलब की गई। मुकदमे के विवेचक द्वारा आख्या अदालत में प्रेषित नहीँ करने पर सीजेएम ने 7 दिसंबर को विवेचक को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर हो आख्या एवं स्पस्टीकरण कें आदेश दिये थे।
विवेचक को प्रेषित नोटिस में सीजेएम नें स्पस्ट किया था कि न्यायिक कार्य में पहुंची बाधा के लिये क्यों ना उनके विरुद्ध विधि अनुसार दंडात्मक वाद दर्ज कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। साथ ही यह भी कथन किया था कि नियत तारीख पर विवेचक अदालत में उपस्थित होकर अदालत के आदेश का अनुपालन नहीँ करतें हैं तो यह अवधारित करते हुये कि उन्हें न्यायालय के नोटिस के सम्बंध में कुछ नहीं कहना है, उनके विरुद्ध एक पक्षीय दंडात्मक कार्यवाही अग्रसारित की जा सकती है।
नोटिस की तामील होने के बाद भी विवेचक द्वारा ना तो आख्या अदालत में प्रेषित की गई और ना ही अदालत में हाजिर होकर कोई स्पस्टीकरण ही दिया गया। सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने अदालत के आदेश की अवहेलना पर विवेचक के विरुद्ध 388 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर 17 दिसम्बर के लिये विवेचक को तलब करने के आदेश दिये हैं।
विद्युत चोरी का आरोपी 20 साल बाद बरी
आगरा। विद्युत अधिनियम की धारा के तहत आरोपित राजवीर सिंह पुत्र हेत सिंह निवासी ग्राम सलेमाबाद, थाना मलपुरा को सबूत के अभाव में विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट दिनेश तिवारी ने बरी कर दिया।
थाना मलपुरा में दर्ज मामले के अनुसार अवर अभियंता यशपाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराकर आरोप लगाया कि 24 नवम्बर 2005 को अधिशासी अभियंता चंद्रशेखर मिश्रा, प्रभारी निरीक्षक प्रवर्तन दल श्याम मुरारी यादव ने मय अधीनस्थ आरोपी राजवीर सिंह को अपने ट्यूबबेल पर बगैर विभागीय स्वीकृति के दस हॉर्सपावर की आटा चक्की चलाते हुए पकड़ा। उसके विरुद्ध विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन की तरफ से वादी मुकदमा सहित तीन गवाह अदालत में पेश किये गये थे।
अदालत ने चेकिंग रिपोर्ट पर आरोपी के हस्ताक्षर नहीँ होने पर स्वतंत्र गवाह के अभाव, आटा चक्की आरोपी की होने के बाबत कोई सबूत पेश करने में विफल रहने पर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये। आरोपी की तरफ से पैरवी अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह धाकरे एवं राजेश त्यागी द्वारा की गई।
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