संगठन की शक्ति ही समाज की अंतिम पंक्ति तक पहुंचा सकती है विकासः अतुल कृष्ण महाराज

आगरा। जैसा नाम होगा वैसा ही कर्म होगा, जब नाम सृष्टि की समस्त शक्ति समेटे राम का होगा तो गुण भी उन्हीं शक्तियों के ही आएंगे। भगवान नाम यूं ही राम नहीं हुआ। रा और म में ब्रह्मांड की समस्त शक्ति निहित हैं।

Nov 6, 2024 - 21:52
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संगठन की शक्ति ही समाज की अंतिम पंक्ति तक पहुंचा सकती है विकासः अतुल कृष्ण महाराज

भगवान राम सहित चारों भाइयों के नामकरण संस्कार से लेकर विवाह प्रसंग का बखान श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज द्वारा किया गया। लोहामंडी स्थित अग्रसेन भवन में श्रीप्रेमनिधि मंदिर न्यास द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस का शुभारंभ व्यास पूजन के साथ हुआ। मुख्य यजमान सुमन− ब्रजेश सूतैल एवं दैनिक यजमान मनीषा− मनीष गोयल के साथ एमएलसी विजय शिवहरे, श्रीप्रेमनिधि मंदिर के मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी, सुनीत गोस्वामी, मंदिर प्रशासक दिनेश पचौरी ने व्यास पूजन किया। 

कथा प्रसंग में व्यास जी ने कागभुशुण्डी जी के बारे में बताया। कहा कि दुनिया भर के कौए गंदगी में वास करते हैं, परन्तु कागभुशुण्डी जी ने भगवान के जन्म के उपरान्त निराहार रहकर अवध में पांच वर्ष तक वास किया। राजा दशरथ के महल की मुंढेर पर बैठ भगवान की बाल लीलाओं के दर्शन कर जीवन धन्य करते हुए भगवान की झूठन ग्रहण की। 

आगे की बाल लीला में भगवान श्रीराम के धूल में खेलने और राजा दशरथ के कहने पर माता कौशिल्या द्वारा धूलधूसरित प्रभू को उठाकर दशरथ जी के गोद में डालने का सुन्दर चित्रण किया गया। साथ ही जीवन में 16 संस्कारों के महत्व पर कथा व्यास ने चर्चा करते हुए नामकरण संस्कार पर जोर दिया। कहा कि यही संस्कार किसी भी बालक के व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होता है। 

व्यास जी ने भगवान श्रीराम द्वारा धनुष भंग, परशुराम, लक्ष्मण संवाद एवं सीता श्रीराम विवाह के रोचक प्रसंगों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

कथा व्यास ने आगे कहा कि हर कण में भगवान का वास है। यदि ये आत्मसात करते हुए समाज संगठित होकर दीन-दुखियों, वनवासियों, आदिवासियों के कष्ट दूर करता है तो राम राज स्वतः पुनः स्थापित हो सकता है। अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति का विकास और खुशहाली ही राम राज की परिभाषा है। 

राम और सीता विवाह के दौरान अवध नगरी बना अग्रसेन भवन जनकपुरी सा लग रहा था और उपस्थित श्रद्धालु मंगल विवाह की उमंग में डूब देर शाम तक नाचते रहे।

कथा प्रसंग में पांचवे दिन गुरुवार को कोप भवन, वनवास लीला आदि प्रसंग होंगे। इस अवसर पर सीमा पचौरी, डॉ मंजू गुप्ता,

साधना अग्रवाल , सविता अग्रवाल, राजेश खण्डेलवाल, आरएसएस से ईश्वर, सतीश, प्रदीप, पवन अग्रवाल, राधा पचौरी, मोहित वशिष्ठ, प्रकाश धाकड़, आनंद धाकड़, सचेन्द्र शर्मा, सागर शिवहरे, रामबाबू गुप्ता, स्वास्तिक हैंडराइटिंग वेलफेयर ट्रस्ट से रुचि सिंघल, एकता आदि उपस्थित रहीं।  

 

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