सपनों को पंख बनाएंगे तभी पूरा आसमां अपना कर पाएंगे
आगरा। नन्हीं आंखें जो सपने देखती हैं, उन्हें पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष जीवन में करना पड़ता है, लेकिन यदि संघर्ष न करो और अपने सपनों को पूरा न करो तो रातों में नींद नहीं आती। इसलिए सपने देखें और अपने सपनों को अपने पंख बनाएं…। इस ध्येय वाक्य के साथ स्पाइसी शुगर संस्था ने जनवरी माह की पहली आम सभा का आयोजन किया।
− वर्ष की पहली सभा में स्पाइसी शुगर संस्था की सदस्याओं ने साझा किये जीवन संघर्ष अनुभव
संस्था की 21 सदस्याओं ने अपने− अपने सपनों को पूरा करने, सफलता प्राप्त करने तक के सफर को शब्दबद्ध किया। सदस्याओं ने जीवन के सफरनामा के अनछुए पहलुओं को जब सबके समक्ष रखा तो संवेदना, प्रेरणा और समर्पण की त्रिवेणी की रेखा सब की मन पर खिंच गई।
संस्थापक अध्यक्ष पूनम सचदेवा ने कहा कि बहुत छोटी उम्र में स्कूल में एक नाटक में अभिनय किया। नाटक में एक आदर्श सास का किरदार निभाकर जो प्रशंसा मिली, उससे आत्मविश्वास बढ़ा। अभिनय की दुनिया में स्थापित होने का सपना वर्ष दर वर्ष बढ़ता गया किंतु पिताजी ने शिक्षा पर जोर देने को कहा तो अपने सपनों को नन्हीं आंखों में ही छुपा लिया। शिक्षा के बाद वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया।
उन्होंने बताया कि संपन्नता के बावजूद एक कमी रातों को सोने नहीं देती थी। अंतरात्मा स्वयं का वजूद तलाशती रही। 2014 में कौन बनेगा करोड़पति में प्रवेश, सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन से भेंट, सपनों को परवान मिल ही रही थी कि कॉन्टेस्ट में मिली असफलता ने धरातल पर ला दिया। स्वयं को फिर बटोरा और यूट्यूब पर स्वयं का चैनल दिल से दिल की बातें लॉन्च किया।
उन्होंने कहा कि आज उनके चैनल के चार लाख से अधिक सब्स्क्राइबर हैं, देश विदेश में पहचान बनी है। उन्होंने बताया कि घर की देहरी में रहते हुए भौतिक जीवन जीने वाली महिलाओं को ज्ञान और मनोरंजन की जुगलबंदी के साथ एक मंच पर लाने का काम स्पाइसी शुगर संस्था के माध्यम से 2019 में आरंभ किया जो आज एक शानदार रूप ले चुका है। उन्होंने बताया कि इस सफर में उनके लिए मिल का पत्थर साबित हुआ अंतरराष्ट्रीय मंच टेडेक्स पर आना। आज रात में नींद भी सुकून भरी आती है क्योंकि जो सपना था वो पूरा हुआ है।
इसी कड़ी में कोमिला धर ने अपने केक आर्टिस्ट बनने के सफर को साझा किया। उन्होंने कहा कि शौक को जब जीवन बना लिया तो देश के टॉप केक आर्टिस्ट में स्वयं स्थापित कर लिया। ऋचा बंसल ने कहा कि तुम पैदा हुए सब खुश हुए, लेकिन जीवन ऐसे जियो कि जब जाओ तो सबकी आंखें नम हों।
सिमरन अवतानी ने अपने जीवन कड़े संघर्ष को जब बयां किया तो हर आंख नम हो गई। उन्होंने कहा कि जब हम अपने डर से बाहर आ जाते हैं तो जीवन के दृश्यों को बदल सकते हैं। रेनू लांबा ने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन एक सफर है जिसका हर पल एक खजाना है।
रोली सिन्हा ने बताया कि अपनी लेखनी को जिंदा रखते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बनीं। शिखा जैन ने कहा कि इवेंट मैनेजर का क्षेत्र पुरुष वर्चस्व का है किंतु आत्मविश्वास ने उन्हें इस क्षेत्र में स्थापित होने में सहायता की। कविता अग्रवाल ने अपने मैथ्स, इंग्लिश और बच्चों को पढ़ाने के जुनून को साकार किया। चांदनी ग्रोवर ने अपने मेकअप आर्टिस्ट बनने के सफर को बताया।
इसी कड़ी में पुष्पा पोपटानी, अशिता बत्रा, साधना भार्गव, स्वाति पारसवानी, स्नेहा जैन, माला जसूजा, सोनाली खंडेलवाल, शिल्पा भाटिया, श्रुति कपूर, सौम्या श्रीवास्तव, हरमीत कौर ने अपने सपनों के पूरा होने तक के सफर को साझा किया और सभी को प्रेरणा दी। कार्यक्रम में पावनी सचदेवा और चांदनी ग्रोवर ने सभी का स्वागत किया।
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