सात अपराधी छोड़े सो छोड़े, 1940 जोड़ी जूते भी डकार गई पुलिस, दस हजार जोड़ी जूते और मिल सकते थे

आगरा। आगरा में सिकंदरा थाने की पुलिस ने बीते कल किया तो गुड वर्क था, लेकिन अपने कारनामे से इसे बैड वर्क में बदल दिया। सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र में जिस गोदाम में छापा मारकर पुलिस ने नामी ऑनलाइन कंपनियों के एजेंटों को अच्छी क्वालिटी के असली जूते की जगह नकली जूते में बदलते समय पकड़ा था, उनसे 2200 जोड़ी जूते बरामद किए गए थे, लेकिन पुलिस ने महज 260 जोड़ी जूते ही बरामद दिखाए। 1940 जोड़ी जूते गायब कर पुलिस ने अपनी दिवाली हैप्पी कर ली। यही नहीं, मौके से पकड़े गए दस लोगों में से सात को यह कहकर छोड़ दिया कि वे नाबालिग थे। जानकारी मिल रही है कि इन्हें छोड़ने में भी पुलिस को फील गुड हुआ है।

Oct 25, 2024 - 14:20
Oct 25, 2024 - 14:22
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सात अपराधी छोड़े सो छोड़े, 1940 जोड़ी जूते भी डकार गई पुलिस, दस हजार जोड़ी जूते और मिल सकते थे
बरामद माल के कार्टन।

- मामला डीसीपी के संज्ञान में आने के बाद चौकी इंचार्ज द्वारा पीड़ित व्यापारी पर पुलिस की बरामदगी पर ही मुहर लगवाने को बनाया जा रहा दबाव

सिकंदरा थाने की यूपीएसआईडीसी चौकी इंचार्ज के स्तर से हुए इस गड़बड़झाले को अधिकारियों तक न पहुंचने देने को पीड़ित व्यापारी को ही डरा धमकाकर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह एसीपी हरीपर्वत के सामने पेश होकर यह बयान दे कि केवल तीन लोग ही पकड़े गए थे और 260 जोड़ी जूते ही बरामद हुए थे।

पीड़ित युवा व्यापारी रोहिल अग्रवाल विजयनगर कॉलोनी के निवासी हैं और रोहिल पॉलीमर्स के नाम से जूता की फैक्ट्री चलाते हैं। रोहिल अपने माल की बिक्री मंत्रा और फ्लिपकार्ट ऑनलाइन कंपनियों के जरिए करते हैं। पिछले 2 साल से रोहिल को लगातार फ्लिपकार्ट और मंत्रा की तरफ से क्लेम आ रहे थे। दरअसल उनके द्वारा भेजे जा रहे अच्छी क्वालिटी के जूते की जगह बहुत सस्ते वाले जूते ग्राहकों को मिलते थे। इसकी वजह से मंत्रा और फ्लिपकार्ट रोहिल पॉलीमर्स पर क्लेम के साथ ही जुर्माना भी वसूल कर रही थी। 

क्लेम के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए तो रोहिल को कुछ शक हुआ और उन्होंने मंत्रा और फ्लिपकार्ट के एजेंटस के पीछे अपने कुछ लोग लगाए और वह सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र में उस जगह तक जा पहुंचे जहां उनकी कंपनी के जूते बदलकर डिब्बों में सस्ते जूते पैक कर ग्राहकों को भेजे जाते थे। 

सारी जानकारी जुटाने के बाद रोहिल ने थाना सिकंदरा प्रभारी से संपर्क साधा। थाना प्रभारी ने यूपीएसआईडीसी चौकी इंचार्ज को छापे के लिए भेजा। चौकी इंचार्ज यूपीएसआईडीसी क्षेत्र में उस गोदाम पर छापा मारा जहां पर रोहिल पॉलीमर्स कंपनी के जूते निकालकर सस्ते जूते डिब्बों में पैक किए जाते थे।

इस छापे के दौरान रोहिल अग्रवाल भी पुलिस के साथ थे। बकौल रोहिल,  पुलिस ने मौके से 10 लोगों को पकड़ा और 2200 जोड़ी जूते बरामद किए। रोहिल अग्रवाल ने बताया कि माल की बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद चौकी इंचार्ज ने उनसे कहा कि अब आप घर जाएं और आपको जरूरत पड़ने पर शाम को बुला लेंगे।

रोहिल शाम को थाने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि पुलिस ने केवल 260 जोड़ी जूते ही बरामद दिखाए हैं और 10 में से सात अपराधियों को छोड़ भी दिया है। रोहिल ने इस बारे में जब पूछा तो चौकी इंचार्ज ने बताया कि पकड़े गए 10 लोगों में से सात नाबालिग थे, इसलिए उन्हें जाने दिया गया है। रोहिल के अनुसार छापे के समय के वीडियो में भी जूतों से भरे 14 बैग दिख रहे हैं। हर बैग में 70 जोड़ी जूते थे। इसी से पता चल जाता है कि बरामद जूते 260 जोड़ी से कई गुना ज्यादा थे।

...तो पीड़ित को डीसीपी के घर इसलिए ले गए चौकी इंचार्ज 

सुबह छापे के बाद ही बरामद माल और गिरफ्तार लोगों का ब्यौरा मीडिया में लीक हो गया था। ऐसे में चौकी इंचार्ज शिवेंद्र सिंह ने एक और चाल चली। वह पीड़ित व्यापारी रोहिल को लेकर रात नौ बजे डीसीपी सिटी के आवास पर पहुंच गए। दो घंटे इंतजार के बाद चौकी इंचार्ज ने रोहिल को डीसीपी के सामने पेश किया। चौकी इंचार्ज ने रोहिल को पहले ही या पट्टी पढ़ा रखी थी कि वह डीसीपी से कहे कि केवल 260 जोड़ी जूते ही बरामद हुए और तीन लोग ही पकड़े गए थे।

डीसीपी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने पहले तो चौकी इंचार्ज से पूछा कि जब मैंने बुलाया ही नहीं तो इनको मेरे पास लेकर क्यों आए हो। पीड़ित को दो घंटे आवास के बाहर बैठाए रखने के लिए उन्होंने चौकी इंचार्ज को बुरी तरह लताड़ा भी। 


मीडिया में आ चुकी खबरों की वजह से खुद पर गाज न गिर जाए, इसके लिए डीसीपी के यहां पेशबंदी का प्रयास फेल होने पर अब चौकी इंचार्ज की ओर से रोहिल अग्रवाल को बार-बार फोन कर कहा जा रहा है कि वह एसीपी हरीपर्वत के सामने पेश होकर यह बयान दे कि मौके से 260 जोड़ी जूते बरामद हुए थे और तीन लोग ही पकड़े गए थे। 

छापे से आधा घंटा पहले ही दो गाड़ियों में दस हजार जोड़ी जूते अलीगढ़ भेजे गए थे

पीड़ित व्यापारी रोहिल अग्रवाल के अनुसार छापे के दौरान गिरफ्तार लोगों ने उनके सामने ही पुलिस को यह जानकारी दी थी कि छापे से आधा घंटे पहले ही उन्होंने दो गाड़ियों में 10000 जोड़ी जूते अलीगढ़ भेजे हैं। अपराधियों ने अलीगढ़ में बनाए गए अपने गोदाम का पता भी बताया, लेकिन पुलिस ने 10000 जोड़ी जूते बरामद करने की दिशा में भी कोई रुचि नहीं दिखाई। रोहिल का कहना है कि छापे में बरामद माल दो गाड़ियों में भरा गया था, लेकिन थाने पर एक ही गाड़ी पहुंची, जिसमें 260 जोड़ी जूते थे।

एक हजार का जूता 300 में बेच देते थे, चेंज का खर्चा 50 रुपए आता था, हर जोड़ी पर 250 रुपए कमाते थे

रोहिल अग्रवाल के अनुसार उसके सामने ही पुलिसकर्मियों द्वारा की गई पूछताछ में अपराधियों ने बताया था कि वह रोहिल पॉलीमर्स के ₹1000 कीमत वाले जूते को ₹300 में बेच देते थे। गोदाम में वह असली जूता निकालकर ग्राहकों को भेजे जाने वाले डिब्बे में सस्ता जूता रख देते थे। इस प्रकार उनका प्रति डब्बा ₹50 का खर्चा आता था। उन्हें हर जोड़ी पर ढाई सौ रुपए बच जाते थे। 

ग्राहकों को लंबे समय से हैं शिकायतें 

ऑनलाइन खरीदारी करने वाले ग्राहकों की ओर से लंबे समय से यह शिकायत की जा रही है कि वह सामान मंगाते कुछ हैं और डिब्बों में निकलता कुछ और है। कभी-कभी तो कंकड़ पत्थर तक निकले हैं। इस तरह की हेराफेरी भी बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के एजेंटस के द्वारा ही की जाती है। रोहिल पॉलीमर्स को चूना लगाने वाले ऑनलाइन कंपनियों की एजेंट भी ऐसे ही गिरोह के सदस्य हैं।

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SP_Singh AURGURU Editor