वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा
नई दिल्ली। लोकसभा में मोदी सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश कर दिया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल लोकसभा में पेश किया। वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विरोध किया। मनीष तिवारी ने कहा कि इंडिया स्टेट का यूनियन है और यह बिल इसका उल्लंघन है। हालांकि राजग के सभी घटकों ने इस विधेयक का समर्थन कर दिया है लेकिन विपक्ष इसके सख्त खिलाफ है।
कानून और न्याय मंत्रालय का कहना है कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा इसकी चुनावी प्रक्रिया की जीवंतता पर पनपता है, जो नागरिकों को हर स्तर पर शासन को सक्रिय रूप से आकार देने में सक्षम बनाता है। आजादी के बाद से, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के 400 से अधिक चुनावों ने भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। हालांकि, चुनावों की खंडित और बार-बार होने वाली प्रकृति ने अधिक कुशल प्रणाली की आवश्यकता पर चर्चा को जन्म दिया है। इससे "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा में रुचि फिर से बढ़ी है।
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल असंवैधानिक : जयराम रमेश
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है कि कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को दृढ़ता से खारिज करती है। हम इसका विरोध करते हैं। इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजा जाए। हमारा मानना है कि यह असंवैधानिक है। हमारा मानना है कि यह बुनियादी ढांचे के खिलाफ है और इसका मतलब इस देश में लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटना है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखा था कि कांग्रेस पार्टी इस विचार पर आपत्ति क्यों कर रही है? एक राष्ट्र, एक चुनाव, केवल पहला कदम है, असली कदम इस संविधान को पूरी तरह से बदलना है, इस संविधान के स्थान पर एक नया संविधान लाना है. हम इसी का विरोध कर रहे हैं।
महत्वपूर्ण मुद्दे भटकाने के लिए 'वन नेशन वन इलेक्शन बिल': कांग्रेस
वन नेशन वन इलेक्शन बिल का कांग्रेस विरोध कर रही है। बिल पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि बेहतर होता कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती, जहां इस पर चर्चा होनी चाहिए थी। लेकिन सरकार इस बिल को अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भटकाने के लिए लेकर आई है। वे स्पष्ट रूप से जानते हैं कि संवैधानिक परिवर्तन करने के लिए, उनके पास न तो लोकसभा में बहुमत है और न ही राज्यसभा में।
वन नेशन वन इलेक्शन बिल के लिए JPC की मांग
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि हम मांग कर रहे हैं कि बिल जेपीसी में जाना चाहिए और चर्चा होनी चाहिए। हमारी पार्टी जेपीसी की मांग कर रही है।
हम इस बिल के सख्त खिलाफ- अखिलेश यादव
"वन नेशन, वन इलेक्शन बिल" संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर पर हमला है। हम इस बिल के सख्त खिलाफ हैं। सरकार को यह बिल नहीं लाना चाहिए।
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