डिजिटल अरेस्ट करने वाले गांवों तक पहुंचे, अब पडुआपुरा के धर्म सिंह से बेटे के नाम पर एक लाख झटके
पिनाहट। डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर शहरी जागरूक हुए तो ठगों ने अब गांवों का रुख कर लिया है। थाना पिनाहट के गांव पडुआपुरा निवासी धर्म सिंह पुत्र ब्रजराज सिंह को डिजिटल अरेस्ट कर शातिरों ने एक लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ठगों ने धर्म सिंह को बेटे के गैंगरेप में फंसने की बात कहकर डराया था।
धर्म सिंह के मुताबिक उसका पुत्र निक्की वर्तमान में अहमदाबाद में रह रहा है। सोमवार को धर्म सिंह के फोन पर एक कॉल आया, जिसमें सामने वाला युवक खुद को अहमदाबाद का पुलिस अधिकारी बता रहा था। कथित पुलिस अधिकारी ने धर्म सिंह से कहा कि उसके पुत्र निक्की को एक युवती से गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया गया है। साथ ही युवती की भी मृत्यु भी हो गई है। धर्म सिंह को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ तो कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसके पुत्र की आवाज में बात कराई, जिसमें उसके पुत्र निक्की की आवाज सुनाई दे रही थी और वह कह रहा था पिताजी मुझे बचा लो, मैं इस केस में फंस गया हूं। फ्रॉड ने संधारण सिंग को कॉल भी नहीं काटने दिया।
पुलिसकर्मी बनकर फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि एक लाख रुपए तत्काल भेजो, आपके पुत्र को जेल भेजने से बचा लिया जाएगा। संधारण सिंह को एक अकाउंट नंबर भी दिया गया।
पुत्र की गिरफ्तारी की बात से धर्म सिंह के होश उड़ चुके थे। उसने आनन-फानन में अपने चाचा शिवकुमार परिहार को फोन कर कहा कि अर्जेंट मुझे 01 लाख रुपए की जरूरत है। इंतजाम करो। धर्म सिंह द्वारा भेजे गए अकाउंट नंबर पर चाचा शिवकुमार ने अपने पेटीएम से 50 हजार, 30 हजार,20 हजार, तीन बार में एक लाख रुपए डाल दिए।
अकाउंट में रुपए पहुंचने के बाद पुलिसकर्मी बनकर फोन करने वाले अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि आपके पुत्र को छोड़ दिया गया है।
इसके बाद धर्म सिंह ने अपने पुत्र निक्की से फोन पर बात की तो उसने बताया कि पापा मैं तो अपनी ड्यूटी करके आया हूं, मुझे किसी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। धर्मपाल ने बाद में यह बात अपने चाचा शिवकुमार को बताई तो वह दंग रह गए। दरअसल धर्म सिंह ने पैसे मांगते समय अपने चाचा को यहां बात नहीं बताई थी।
डिजिटल अरेस्ट होकर ठगी की जानकारी होने पर तत्काल उन्होंने इस मामले को लेकर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।पुलिस द्वारा मामले में शिकायत दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस द्वारा लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि आपका डाटा चोरी करके एआई के जरिए आपके बच्चों की आवाज बना कर बात कराई जाती है। अगर ऐसे फोन आ रहे हैं तो तत्काल फोन को काटकर अपने बच्चों से बात जरूर करें। उसके बाद पुलिस को भी सूचित करें।
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