वेटेरिनरी विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में दी गईं 129 उपाधियां
आगरा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मथुरा की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने विवि के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में धैर्य और दृढ़ता बहुत आवश्यक है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि कभी निराश नहीं होना चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए।
-हमारे देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन प्रमुख स्थान पर रहना चाहिए-प्रो. रमेश चंद
इस समारोह में राज्यपाल ने 129 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान कीं। उन्होंने छात्राओं को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए सराहा और इसे महिला सशक्तिकरण का उदाहरण देते हुए महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की।
कुपोषण की दिशा में कार्य किए जाने की जरूरत
राज्यपाल ने कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की और छात्रों को इसके उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बकरी के दूध के सेवन के महत्व पर भी प्रकाश डाला और गोद लिए गए गांवों के पांच स्कूलों के बच्चों को बकरी का दूध उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने विश्वविद्यालय की महिला अध्ययन केंद्र इकाई के प्रयासों की भी सराहना की, जो ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त उन्होंने पशुधन क्षेत्र के महत्व और पशुधन उत्पादों की निर्यात क्षमता पर भी चर्चा की। गुणवत्ता शोध को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए "एक राष्ट्र, एक सदस्यता" प्रस्ताव को भी रेखांकित किया।
अर्थव्यवस्था में पशुपालन प्रमुख रहे-प्रो. रमेश चंद
समारोह में केन्दीय नीति आयोग के सदस्य व मुख्य अतिथि प्रो. रमेश चंद ने पं. दीनदयाल उपाध्याय को स्मरण करते हुए उनके समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र विशेषकर पशुपालन क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियां अधिक हैं। इसके लिए हम सब को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन प्रमुख स्थान पर रहे। उन्होंने विश्व के कई देशों का उदाहरण दिया पशुपालन क्षेत्र के सतत भविष्य तथा पशु चिकित्सा शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
प्रो. रमेश चंद्र ने एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी गंभीर समस्याओं एवं उसके समाधान की रणनीतियों पर भी मुख्य अतिथि ने प्रकाश डाला। इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण एवं विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
129 उपाधियां प्रदान की गयीं
दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 129 उपाधियां प्रदान की गयीं, जिनमें 64 बी.वी.एस.सी एवं ए.एच., 42 स्नातकोत्तर उपाधियां, 04 पीएचडी उपाधियाँ और 19 स्नातक बायोटेक्नोलॉजी की उपाधियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न विषयों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को 21 पदक प्रदान किए गए। इनमें 15 स्वर्ण, चार रजत एवं दो कांस्य पदक शामिल थे। इसके साथ ही चार सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार (स्नातकोत्तर), चार सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार (पीएचडी.), एक सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार एवं एक सर्वश्रेष्ठ विभाग पुरस्कार भी प्रदान किया गया।