अब कीनिया से लाए जा रहे 20 चीते, एमपी के गांधी सागर अभ्यारण्य में रखे जाएंगे
बरेली। विलुप्त हो चुके चीतों से भारत के जंगलों को गुलजार करने के लिए नामीबिया और अफ्रीका के बाद अब कीनिया से 20 चीते फरवरी 25 से 25 सितम्बर के बीच भारत लाए जा रहे हैं। इसी वर्ष आठ महीनों के बीच आने वाले इन चीतों को मध्य प्रदेश के गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण्य मंदसौर में रखा जाएगा।
-25 फरवरी से 27 सितंबर के बीच आठ महीने में भारत पहुंचेंगे ये चीते
-आईवीआरआई बरेली के वैज्ञानिकों की देखरेख में होंगे क्वारंटाइन
आईवीआरआई बरेली के निदेशक एवं कुलपति डॊ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि देश में एक बार फिर से चीते आ रहे हैं। चीतों को मध्य प्रदेश के गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण्य मंदसौर में छोड़े जाने से पूर्व वहां क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इसकी जांच के लिए पशु वैज्ञानिकों की टीम बनाई गई है, जो क्वारंटाइन सेंटर की जांच कर उसे और बेहतर बनाने का सुझाव देगी।
1952 में विलुप्त हो गए थे चीते
1952 में भारत सरकार ने औपचारिक रूप से घोषणा कर दी थी कि देश से चीते विलुप्त हो गए हैं। हाल के वर्षों में चीता पुनर्वास परियोजना शुरू हुई है। इस योजना के तहत पहली बार 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ और दूसरी बार 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाकर उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था।
कूनो नेशनल पार्क में 25 चीते
मौजूदा समय में कूनो नेशनल पार्क में कुल 25 चीते हैं, जिनमें 12 वयस्क और 13 शावक हैं। देश में चीतों की संख्या और बढ़ाने के लिए अब तीसरी बार 20 और चीते कीनिया से लाए जाएंगे। इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बजाय मध्य प्रदेश में ही स्थित गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण में रखा जाएगा। यह अभ्यारण्य गुजरात और राजस्थान राज्य की सीमा सटा हुआ है।
15 दिन क्वारंटाइन रहेंगे कीनिया के चीते
कीनिया से आने वाले इन चीतों को अभ्यारण्य में छोड़ने से पूर्व उन्हें 15 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इस केंद्र को एनिमल क्वॉरेंटाइन एवं सर्टिफिकेशन सर्विस नई दिल्ली ने बनाया है। अभ्यारण्य में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में चीतों को रखने के लिए अलग-अलग बाड़े बनाये गये हैं। करीब 15 दिन तक उन्हें यहां रखा जाएगा।
ये विशेषज्ञ करेंगे क्वारंटाइन सेंटर की जांच
पशु वैज्ञानिक डॊ. अभिजीत पावड़े, पशु चिकित्सक आईवीआरआई, इज्जतनगर बरेली, डॊ. शोभा जावरे, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, जबलपुर मप्र, डॊ. अश्वेंद्र राउत, राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल, डॊ. अभिषेक, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना, नई दिल्ली एनीमल क्वारंटीन एंड सर्टिफिकेशन सर्विस, नई दिल्ली क्वारंटाइन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं की जांच करेंगे देखेंगे कि कहीं कोई कमी तो नहीं है क्योंकि इसी क्वारंटाइन सेंटर में रखने के दौरान चीतों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी।
नर-मादा चीतों के जोड़े बनाए जाएंगे
यहां बाड़े में रखने के दौरान भी देखा जाएगा कि चीते कीनिया से कोई ऐसा रोग लेकर तो नहीं आये हैं, जिससे यहां गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण्य में मौजूद अन्य जानवरों के लिए कोई खतरा न हो जाए। नर और मादा चीतों का जोड़ा बनाया जाएगा और देखा जाएगा कि कौन सा नर और मादा चीता एक दूसरे के साथ रहने में सहज महसूस कर रहे हैं।।