शिक्षकों के पद ही नहीं, विवि में गुम हो गया एक विभाग

डा. भीमराव अंबेडकर विवि के कई विभागों में कुछ पद खो गए हैं। उन पदों को तलाशा जा रहा है। यही नहीं विवि के 1955 के आर्डिनेंस में मौजूद एक विभाग ही समाज विज्ञान संस्थान में कहीं गुम हो गया है।

Aug 28, 2024 - 13:40
Aug 28, 2024 - 14:18
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शिक्षकों के पद ही नहीं, विवि में गुम हो गया एक विभाग

 ऐसा अपने आप नहीं हुआ। विवि के जिस कुलपति का मन किया, उसने अपने चहेते को नियुक्ति देने के लिए कोई नया विभाग क्रिएट किया और किसी अन्य विभाग का पद उस विभाग में स्थानांतरित कर दिया। 

केएम हिंदी और भाषा विज्ञान संस्थान के गठन के समय इस संस्थान में विदेशी भाषा का कोई पद सृजित नहीं था। बाद में किसी कुलपति का मन हुआ तो उन्होंने हिंदी विभाग का एक पद विदेशी भाषा में स्थानांतरित कर किसी की नियुक्ति कर दी। 

बाद में एक अन्य कुलपति महोदय का मन हुआ कि इस संस्थान में पत्रकारिता का कोर्स चलाया जाए तो हिंदी विभाग का एक अन्य पद पत्रकारिता विभाग को देकर विभाग शुरू कर दिया गया। 

इसी संस्थान में भाषा विज्ञान का एक पद संस्कृत विभाग में स्थानांतरित कर किसी शिक्षक की नियुक्ति कर दी गई। 

पद ही नहीं विवि में एक पूरा विभाग ही गुम हो गया। 1955 के विवि के आर्डिनेंस के अनुसार समाज विज्ञान संस्थान में समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र तथा राजनीति शास्त्र विभाग खोले जाने थे। इन्हीं विभागों की आवश्यकतानुसार शासन ने पदों की स्वीकृति दी थी। 

राजनीतिशास्त्र विभाग इस संस्थान में कभी खोला ही नहीं गया। राजनीतिशास्त्र विभाग को जो पद आवंटित किए गए थे, वे पद सांख्यकी विभाग में समाहित हो गए। उन पदों पर सांख्यकी विभाग के शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई।  इन नियुक्तियों का कारण भी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना था। 

1955 के बाद किसी भी कुलपति ने यह प्रयास ही नहीं किया कि समाजविज्ञान संस्थान में राजनीति शास्त्र शुरू किया जाए।
अब जब नैक का निरीक्षण नवंबर माह में होना है। विवि में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी चल रही है तो खो गए पदों को खंगाला जा रहा है। जिससे विभागवार पदों का विज्ञापन जारी किया जा सके।  
  

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