पाकिस्तानी शुमायला ही नहीं, उसकी मां भी फर्जीबाड़े से यूपी में सरकारी टीचर बनी थी

बरेली। तथ्यों को छिपाकर कूटरचित जन्म और निवास प्रमाण पत्र के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग में असिस्टेंट टीचर की नौकरी हासिल करने वाली शुमायला खान के बारे में कुछ और नये खुलासे हुए हैं। शुमायला खान से पहले उसकी मां माहिरा ने भी इसी तरह तथ्यों को छिपाकर टीचर की सरकारी नौकरी हासिल की थी। यही नहीं, माहिरा ने रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल में लगभग 40 साल तक पढाया भी। रिटायरमेंट से तीन सप्ताह पहले भांडा फूटने पर उसे भी बर्खास्त किया गया था।

Jan 18, 2025 - 13:45
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पाकिस्तानी शुमायला ही नहीं, उसकी मां भी फर्जीबाड़े से यूपी में सरकारी टीचर बनी थी

-शुमायला की मां माहिरा अख्तर को तो टीचर के रूप में सरकारी मकान भी मिला हुआ था रामपुर की पीडब्ल्यूडी कॊलोनी में

-रिटायरमेंट से तीन सप्ताह पहले खुला था माहिरा अख्तर का भेद, उसी समय शिक्षा विभाग से उसकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं

-माहिरा पाकिस्तान के सिवगत अली से शादी कर पाकिस्तानी नागरिक बन गई थी, वहीं पैदा हुई शुमायला व उसकी बहन

शुमायला खान का मामला बेसिक शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब उसकी मां माहिरा की भी सच्चाई सामने आने पर सभी हैरान हैं। शुमायला खान की मां माहिरा अख्तर का जन्म रामपुर में ही हुआ था और वर्ष 1979 में उसने पाकिस्तान के सिवगत अली से शादी की थी। माहिरा पाकिस्तान चली गईं और वहां की नागरिकता भी ले ली। पाकिस्तान में ही शुमायला और उसकी बहन का जन्म हुआ था।

तथ्य छिपाकर टीचर बनी थी शुमायला की मां माहिरा

पाकिस्तान के सिवगत अली से माहिरा की शादी दो वर्ष ही चली। पति से तलाक होने के बाद माहिरा अपनी दोनों बेटियों को लेकर 1981 में भारत लौट आई थी। माहिरा खान वीजा लेकर पाकिस्तान से भारत पहुंची थी। यहां माहिरा अख्तर ने खुद के पाकिस्तानी नागरिक होने के तथ्य को छिपाकर बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पा ली। वह रामपुर जिले के ब्लाक सैदनगर के प्राथमिक विद्यालय कुमरिया में शिक्षक के रूप में नियुक्त थी।

गृह मंत्रालय ने दी थी रहने की अनुमति

वर्ष 1981 में ही वीजा की अवधि खत्म हुई तो एलआईयू ने माहिरा अख्तर और उसकी दोनों बेटियों के बारे में जांच की। वीजा अवधि समाप्त होने पर भी पाकिस्तान वापस नहीं लौटने पर उनके पुलिस में प्राथमिकी लिखाई गई। उस समय माहिरा एक दिन कोर्ट अवधि तक कोर्ट में रही थी। इसके बाद माहिरा अख्तर ने बेटियों के साथ भारत में ही रहने की अनुमति गृह मंत्रालय से मांगी। उन्हें अनुमति दे दी गई लेकिन इन्हें भारतीय नागरिकता आज तक नहीं मिली है।

रिटायरमेंट से तीन सप्ताह पहले खुला माहिरा का भेद

इस सारे में मामले में हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान नागरिक माहिरा खान 1981 से वर्ष 2021 तक बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में प्राथमिक विद्यालय कुमरिया में पढ़ाती रही। शिक्षा विभाग को वर्ष 2021 में माहिरा अख्तर के पाकिस्तानी नागरिक होने की जानकारी मिली। जांच में यह बात सच साबित होने पर माहिरा अख्तर को उसके रिटायरमेंट से तीन सप्ताह पहले 9 मार्च 2021 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

जिस रास्ते चली मां, उसी पर बेटी को डाला

पाकिस्तानी नागरिक माहिरा अख्तर ने जो फर्जी तरीका अपनाकर यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की थी, उसी रास्ते पर चलाकर अपनी बेटी को भी बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक बनवा दिया। मां और बेटी दोनों की ही नियुक्ति में यूपी का बेसिक शिक्षा विभाग गच्चा खा गया और दोनों के फर्जी दस्तावेजों को सच मानकर उन्हें नियुक्त कर लिया। मां माहिरा अख्तर ने लगभग 40 साल तक और बेटी शुमायला खान ने नौ साल तक टीचर के रूप में सेवाएं भी दीं, तब जाकर उनका भांडा फूटा।

रामपुर के एसपी ने बीएसए बरेली को लिखा था पत्र

09 मार्च 2022 में रामपुर के पुलिस अधीक्षक ने बरेली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह एक पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि पाकिस्तानी महिला शुमायला खान उनके यहां के एक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में पढ़ा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एसपी के इस पत्र को गंभीरता से लिया। उसी वक्त शुमायला को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई थी।

बर्खास्त शुमायला से वेतन भत्तों की रिकवरी

शुमायला खान को वर्ष 2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिली थी। तब से बरेली के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक पद पर तैनात थी। रामपुर के एसपी के पत्र आधार पर बीएसए ने शुमायला खान के समस्त दस्तावेजों की जांच कराई। जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर खंड शिक्षाधिकारी ने शुमायला खान के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया। बीएसए ने शुमायला खान की सेवाएं समाप्त करने के साथ ही उसे अब तक मिले वेतन और भत्तों की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए विभागीय वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है।

एसडीएम रामपुर ने बताया निवास प्रमाण पत्र फर्जी

बरेली के पुलिस अधीक्षक उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने थाना फतेहगंज पश्चिमी में शुमायला खान के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। श्री मिश्रा ने बताया कि दर्ज एफआईआर में जिक्र है कि उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर ने जांच रिपोर्ट दी है कि बेसिक शिक्षा विभाग में दाखिल शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र कूट रचित है और शुमायला खान वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है। बता दें कि शुमायला ने रामपुर के एसडीएम से कथित रूप से जारी निवास प्रमाण पत्र नौकरी पाने के लिए लगाया था।

एलआईयू के पत्र पर शुरू हुई जांच

शुमायला खान के दस्तावेजों की जांच वर्ष 2021 में मुरादाबाद एलआईयू से प्राप्त पत्र के बाद शुरू हुई थी। उस समय नोटिस पर शुमायला ने जवाब दिया था कि मां माहिरा बेगम पाकिस्तान से वर्ष 1981 में भारत आई थीं। 1985 में रामपुर में मां की दूसरी शादी हुई। 1992 में रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल में मां की शिक्षिका के पद पर नौकरी लग गई। 2007 में रामपुर की पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में उन्हें आवास आवंटित हुआ था। उसकी शिक्षा रामपुर में ही हुई। शुमायला खान ने यह भी बताया था कि मीरगंज के राजेंद्र प्रसाद डिग्री कॉलेज से उसने बीएड किया था।  

 

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SP_Singh AURGURU Editor