टाटा ट्रस्ट की कमान अब नोएल टाटा के हाथों में

नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन बनाया गया है। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन ही टाटा साम्राज्य का मुखिया होगा। आज मुंबई में टाटा ट्रस्ट की इसे लेकर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में नोएल टाटा को चैयरमैन नियुक्त किए जाने पर फैसला किया गया। यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ।

Oct 11, 2024 - 13:33
Oct 14, 2024 - 01:52
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टाटा ट्रस्ट की कमान अब नोएल टाटा के हाथों में


मुंबई। नोएल टाटा की टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति उनके सौतेले भाई रतन टाटा की नौ अक्टूबर को हुई मौत के बाद की गई है। सीएनबीसी न्यूज चैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह टाटा ट्रस्ट की एक अहम बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि नोएल टाटा को ही चेयरमैन के पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए। 

फिलहाल, नोएल टाटा, सर दोराबजी के ट्रस्टी हैं। इसके साथ ही नोएल के कंधों पर अब टाटा समूह की जिम्मेदारी आ गई है। वे 100 देशों में फैले टाटा समूह के विशाल व्यापारिक साम्राज्य का नेतृत्व करेंगे, जिसकी कीमत 403 अरब डॉलर यानी 39 लाख करोड़ रुपये है।

हाल के वर्षों में टाटा ट्रस्ट के कामकाज में नोएल टाटा की भूमिका बढ़ गई थी। वे फिलहाल सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, जो टाटा ट्रस्ट्स के अंदर आता है। ये ट्रस्ट टाटा समूह की परोपकार से जुड़ी गतिविधियों को तो मैनेज करती ही है पर साथ में टाटा संस जो टाटा ग्रुप की पैरेंट कंपनी है उसमें भी टाटा ट्रस्ट की मैजोरिटी होल्डिंग है।  

इस दौर में मेहली मिस्त्री भी शामिल थे लेकिन बैठक में उनके नाम की चर्चा नहीं हुई। मेहली मिस्त्री साल 2000 से ही रतन टाटा के बेहद करीबी रहे हैं और ट्रस्ट के कामकाज में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। मेहली मिस्त्री टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रहे सायरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं और जब सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने की कवायद चल रही थी तो मेहली मिस्त्री ने तब रतन टाटा का साथ दिया था। अक्टूबर 2022 में मेहली मिस्त्री को दो बड़े टाटा ट्रस्ट सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया था। इन ट्रस्ट की टाटा संस में 52 फीसदी हिस्सेदारी है और सभी ट्रस्ट की 66 फीसदी हिस्सेदारी है।   

 

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