इजरायल के डर से कोई नहीं बनना चाहता है हमास का कमांडर
तेल अवीव। हमास के खिलाफ एक साल से ज्यादा समय से शुरू किए अभियान में इजरायल को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। इजरायली सैनिकों ने हमास के चीफ और इजरायल के ऊपर किए गए सबसे बड़े हमले के मास्टरमाइंड को मार गिराया। याह्या सिनवार की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने हिसाब चुकता कर लिया है लेकिन चेतावनी दी कि अभी युद्ध खत्म नहीं हुआ है। याह्या सिनवार की मौत ने गाजा में युद्ध के भविष्य के बारे में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि हमास के नेता के रूप में उसकी जगह कौन लेगा? इजरायल के कड़े रुख से हमास के तमाम वरिष्ठ नेता थर्राए हुए हैं।
गौरतलब है कि पिछले एक साल में इजरायल ने जिस तरह से दुश्मनों को चुन-चुन कर मारा है, उससे हमास समेत हिजबुल्ला तक की हालत पतली है। इसके साथ ही इजरायल ने ईरान में हिजबुल्ला के एक बड़े नेता की हत्या कर दी थी। इस सूची में कई नाम हैं, जो हिजबुल्ला और हमास के बड़े कमांडर हुआ करते थे। आज इनमें से अधिकांश मारे जा चुके हैं।
माना जाता है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम और बंधकों के बीच समझौते के बीच सिनवार बाधा बना हुआ था। ऐसे में सिनवार की मौत ने बातचीत फिर से शुरू होने के बारे में उम्मीद को बढ़ा दिया है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हमास में सिनवार की जगह कौन लेगा। हमास के अगले नेता के लिए ये कुछ प्रमुख उम्मीदवार हैं। हालांकि ये सब भी अब कन्नी काटते दिख रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि कमांडर बनते ही वे इजरायल की हिट लिस्ट में होंगे और मारे जा सकते हैं।
द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, महमूद अल-जहर हमास के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्यों में शामिल है। उसे भी रूढ़िवादी माना जाता है। अल-जहर को साल 2006 में फिलस्तीनी विधान परिषद के लिए चुना गया था। उस साल हमास की चुनावी जीत के बाद समूह के पहले विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। 1992 और 2003 में इजरायल ने उसकी हत्या की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गया था। अब वह हमास का कमांडर बनना नहीं चाहता है।
याह्या सिनवार का भाई मोहम्मद सिनवार भी उसकी जगह लेने के लिए संभावित नामों में शामिल हैं। उसका उत्तराधिकारी बनना संभवतः याह्या के ही रुख को जारी रखने का संकेत होगा। एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अगर मोहम्मद को चुना जाता है तो बातचीत पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। एक पूर्व अधिकारी ने उसे अपने भाई के जैसा ही 'कट्टर विचारधारा' वाला बताया। लेकिन सूचना है कि मोहम्मद सिनवार भी कमांडर बनने का इच्छुक नहीं है।
यूरोपीय विदेश संबंध परिषद के अनुसार, मूसा अबू मरजौर्क मुस्लिम ब्रदरहुड की फिलस्तीनी शाखा को बनाने में मदद की थी, जिसने आगे चलकर हमास का गठन किया। वह हमास के शीर्ष राजनीतिक ब्यूरो में शामिल है। 90 के दशक में हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख के रूप में उन पर आतंकी हमलों की फंडिंग करने और संगठित करने में मदद करने का आरोप लगाया था। 1990 के दशक में उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। लगभग दो साल जेल में बिताने के बाद एक समझौते के बाद अमेरिका ने उसे जॉर्डन निर्वासित कर दिया था।
हमास के कतर स्थित राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य के रूप में खलील अल हय्या वर्तमान में दोहा में रहता है। वह इजरायल के साथ युद्धविराम वार्ता में हमास की तरफ से मुख्य वार्ताकार रहा है। सीएनएन ने अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया है कि खलील अल-हय्या वह शख्स है, जिसे अमेरिका संघर्ष विराम वार्ता में देखना चाहता है। एसोसिएटेड प्रेस ने अगस्त में बताया था कि अल-हय्या को हमास के पूर्व नेता इस्माइल हानिया के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा था। बाद में सिनवार को हानिया का उत्तराधिकारी बनाया गया। 2007 में हय्या के गाजा स्थित घर पर हवाई हमला किया गया था, जिसमें उनके परिवार के सदस्य मारे गए थे।
खालिद मशाल 2006 से शुरू होकर एक दशक से भी ज्यादा समय तक हमास के नेता रहे। हालांकि, हमास के राजनीतिक ब्यूरो के पूर्व नेता रहे मशाल का दोबारा चुना जाना मुश्किल होगा। उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ पिछले विद्रोह का समर्थन किया था, जिसके कारण ईरान के साथ उनके मतभेद पैदा हो गए थे। 90 के दशक में मशाल की हत्या का प्रयास किया गया था,लेकिन वे बच गए थे।
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