घाटी में इंजीनियर राशिद का जादू नहीं चला, नेकां-कांग्रेस को बहुमत

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के रुझान लगभग आ गए हैं। इससे तस्वीर साफ हो गई है। जम्मू-कश्मीर में फैसला एनसी-कांग्रेस गठबंधन की तरफ है। हालांकि भाजपा ने भी अपनी पकड़ बनाए रखी है। पेरोल पर जेल से बाहर आए इंजीनियर राशिद उत्तरी कश्मीर में अपना जादू नहीं दिखा सके और उनकी पार्टी को खास सफलता नहीं मिल पाई।

Oct 8, 2024 - 15:24
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घाटी में इंजीनियर राशिद का जादू नहीं चला, नेकां-कांग्रेस को बहुमत

जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजे एग्जिट पोल से मिलते-जुलते दिखाई दे रहे हैं। कई चैनलों के एग्जिट पोल जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस- नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन की सरकार बनने का दावा किया था, जो सही होता दिख रहा है। शुरु से ही कांग्रेस-एनसी बीजेपी पर बढ़त बनाए हुए है और अब यह परिणाम में भी बदलते दिख रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर की बात करें तो कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 49 और भाजपा को 29 सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य के खाते में छह तो महबूबा मुफ्ती की पार्टी को सिर्फ चार सीटें मिल रही है। अन्य में इंजीनियर राशिद की पार्टी और निर्दलीय शामिल हैं।

बारामूला और इसके आसपास भी इंजीनियर राशिद का वह जादू नहीं चल सका, जो लोकसभा चुनाव में चला था। यहां से इंजीनियर ने उमर अब्दुल्ला को पराजित कर दिया था लेकिन इस बार उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। नेशनल कांफ्रेंस ने इस क्षेत्र में भी स्थिति बेहतर की है।

दूसरी ओर पीडीपी को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है। महबूबा मुफ्ती ने जिस तरह से अपनी बेटी इल्तिजा को चुनाव में लांच किया था, उसका फायदा उनकी पार्टी को नहीं मिल सका। पीडीपी के लिए यह आत्ममंथन का दौर है कि आखिर उसे इतनी भारी पराजय का सामना क्यों करना पड़ा। क्या भाजपा के साथ 2014 में गठबंधन करने से जनता में नाराजगी थी और इसका खामियाजा दस साल बाद हुए चुनाव में पीडीपी को भुगतना पड़ा है? उसे इस सवाल का हल ढूंढना होगा।

दूसरी ओर जम्मू में भाजपा ने पूर्व की तरह ही अपना प्रदर्शन दोहराया है। वह पहले की तरह की 29 सीटें झटकती दिख रही है। कांग्रेस को भी यहां कुछ सीटें मिल रही हैं। वैसे जम्मू क्षेत्र में 43 सीट हैं, जिनमें अधिकांश पर भाजपा के प्रत्याशी ही बढ़त बनाए हुए हैं।

 

 

 

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