06 मिनट में 10 कॉल की गई थीं, लड़की की आवाज सुनवाई गई, यूं ही नहीं आया था हार्ट अटैक, शिक्षिका के मामले में अब क्या अपडेट आई ?
एक फेक कॉल ने पहली बार किसी की जान ली है। आगरा में एक शिक्षिका की मौत ने कई सवाल छोड़े हैं। उनके आरोपी और ये डिजिटल डाकू कभी पकड़े भी जाएंगे ? अगर हां तो कैसे ? क्या गारंटी है कि कोई और उनका शिकार नहीं बनेगा ? सच तो ये है कि ऐसा कभी भी और किसी के साथ भी हो सकता है। हम और आप तभी तक बचे हैं जब तक हमारी किस्मत अच्छी है या सचते हैं। कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में पढ़ाने वालीं मालती वर्मा के मामले में जो नई जानकारी सामने आई है उससे उस वक्त उनकी हालत और उन पर पड़ रहे दबाव को समझा जा सकता है। साइबर ठगों ने 06 मिनट में 10 कॉल किए ताकि सोचने समझने का मौका न मिले। इस बीच वे दबाव का स्तर लगातार बढ़ा रहे थे। उनकी बेटी बताकर पहले आवाज सुनवाई गई थी। छोटी सी बात भी कराई गई थी जिसमें बेटी बस इतना कह रही थी कि मां इन्हें जो भी चाहिए दे दो, मुझे बचा लो...।
मालती वर्मा अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके पति शिवचरण वर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि जिस नंबर से कॉल आई उस पर विजय कुमार लिखा था। पुलिस की वर्दी में एक डीपी लगी थी। पति शिवचरण ने पत्रकारों से कहा कि उनकी पत्नी को संभलने का मौका भी नहीं दिया गया। साइबर ठग इतनी जल्दी जल्दी कॉल कर रहे थे कि सोचने या किसी परिवारीजन से बात करने का मौका न मिले। अगर ऐसा हुआ तो उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। इसीलिए उन्होंने बेटी बताकर अपने गिरोह की किसी लडकी से बात कराई। लड़की बार—बार कह रही थी कि मां इन्हें जो भी चाहिए दे दो, मुझे बचा लो। इससे मालती पर लगातार दबाव बढ़ रहा था। यही कारण है कि मालती घबरा गईं। बचैनी बढ़ी और फिर हार्ट अटैक आ गया। वे पहले एसएन मेडिकल कॉलेज फिर पुष्पांजलि हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन दोनों ही जगह मृत बताया गया।
बता दें कि सुभाष नगर में रहने वाली मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में टीचर थीं। 30 सितंबर को उनके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने पुलिस की वर्दी में फोटो लगा रखी थी। मालती ने कॉल रिसीव की। दूसरी ओर से कहा गया कि आपकी बेटी को पुलिस ने सेक्स रेकेट में पकड़ा है। अभी पुलिस ने लिखा पढ़ी नहीं की है। आपकी बदनामी हो सकती है। इसलिए कॉल कर रहे हैं। अगर आप चाहती हैं कि वीडियो वायरल न हो, केस दर्ज न हो तो तुरंत एक लाख रूपये भेजें।
फोन करने वाले व्यक्ति ने एक नंबर भेजा। दोबारा फोन करके 15 मिनट में रूपये भेजने के लिए फिर धमकाया। कहा कि बेटी को जेल भेज देंगे। मालती वर्मा परेशान हो गईं। बेटे दीपांशु को फोन किया। कहा कि एक लाख रूपये एक नंबर पर भेजने हैं। बेटे नू पूछा बात क्या है तो कुछ नहीं बताया। बेटे ने दबाव देकर पूछा तो कहा कि बहन को पुलिस ने पकड़ लिया है। बात करते करते उनकी सांस फूल रही थी।
बेटे ने नंबर भेजने को कहा। मालती ने बेटे को नंबर भेजा तो एक नंबर भारत जबकि दूसरा पाकिस्तान का था। बेटा समझ गया कि फर्जी नंबर है। भारत वाले नंबर पर फोन किया तो सामने से आवाज आई कि जल्दी पैसे भेजें। दीपांशु ने अपनी मां मालती वर्मा को फोन किया कि फर्जी कॉल है बहन से बात हो गई है। वे परेशान न हों।
दीपांशु ने बताया कि जैसे ही उनकी मां घर आईं उनकी तबियत बिगड़ती चली गई। अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचा नहीं सके। बहन के पकड़े जाने की बात से सदमा लगा था। मां का फोन आने के बाद दीपांशु ने दोनों बहनों को भी फोन किया था लेकिन एक कॉलेज में जबकि दूसरी शहर में एक अन्य स्थान पर थी।
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