कर्तव्य पथ पर देश ने देखा सैन्य ताकत की झलक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई । गणतंत्र दिवस परेड हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुई। इसे लेकर सुरक्षा चाक चौबंद रही। इस साल गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे।

Jan 26, 2025 - 11:45
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कर्तव्य पथ पर देश ने देखा सैन्य ताकत की झलक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

नई दिल्ली। भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देशभर में रिपब्लिक डे के कार्यक्रम आयोजित हुए। वहीं राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर हर साल की तरह इस बार भी अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्र संविधान के लागू होने का ‘प्लेटिनम जुबली’ भी 26 जनवरी को मना रहा है।  परेड में इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता ने भी भाग लिया। संविधान के लागू होने का 75 साल पूरा होना इस वर्ष समारोहों का मुख्य आकर्षण है, लेकिन झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है। परेड में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की गईं। 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो। यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है।

टी-90 'भीष्म' टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा होंगे। परेड में कई अन्य चीजें भी पहली बार देखने को मिलेंगी, जैसे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच ‘‘तालमेल’’ को दर्शाया गया।

देश अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन ब्रह्मोस, पिनाक और आकाश सहित कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया।  साथ ही, सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ पहली बार परेड में शामिल की गई। 

गणतंत्र दिवस परेड की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भारत सरकार ने देश भर से 10 हजार ‘विशेष अतिथियों को परेड में शामिल होने के लिए बुलाया।  उनमें दुर्घटना के समय और सामान्य समय में भी यातायात नियंत्रण करने में मदद देने वाले ‘आपदा मित्र‘, आशा वर्कर्स, पीएम सम्मान निधि प्राप्त करने वाले लाभार्थी और अन्य कुछ वर्गों के लोग शामिल हैं।

अक्टूबर में पद संभालने के बाद पहली बार भारत आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो का राष्ट्रपति भवन प्रांगण में परंपरागत स्वागत किया गया। वह गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि भी हैं। गुरुवार देर शाम नई दिल्ली पहुंचे सुबिआंतो परंपरागत स्वागत के बाद राजघाट भी गए। वह और पीएम नरेंद्र मोदी दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी बातचीत हो रही है। बातचीत के बाद कई समझौतों की घोषणा होने के संकेत सुबह मिले। इनमें व्यापार, रणनीतिक सहयोग, एनर्जी, स्किल डिवेलपमेंट, पर्यटन और अन्य विषय शामिल हैं। इंडोनेशिया पूर्वी हिस्से में भारत का करीबी पड़ोसी देश है और दोनों देशों के सुरक्षा और अन्य कई हित एक जैसे ही हैं।

गणतंत्र दिवस समारोह का सफल आयोजन करवाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पुलिस सूत्र का कहना है कि कर्तव्यपथ से निकलने वाली परेड लाल किले पर खत्म होगी। इस बीच आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के करीब 15 हजार जवान इस रूट के चप्पे पर तैनात होंगे और निगरानी करेंगे। इन यूनिट के आला अधिकारी इनका सुपरविजन करेंगे। बताया गया है कि इन तीनों फोर्स की अलग-अलग विशेष टुकड़ियों की छह लेयर सुरक्षा होगी। नई दिल्ली की ऊंची-ऊंची बिल्डिंग से स्नाइपर्स तैनात रहेंगे। यही नहीं परेड रूट और आस-पास स्थित सैकड़ों बिल्डिंग दोपहर 12 तक के लिए सील कर दी गई हैं।