जश्न ए वसंत में नजीर की नज्मों और गजलों की संगीतमयी प्रस्तुति
आगरा। वसंत पंचमी के अवसर पर आगरा में "जश्न-ए-बसंत" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात गजल गायक सुधीर नारायन और उनके सहयोगी ग्रुप "हॉरमनी" ने अपनी संगीतमय प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ताजगंज स्थित शीरोज हैंगआउट पर अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी और छांव फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सुधीर नारायन ने जनकवि नजीर अकबराबादी को याद करते हुए कहा कि वह नज्मों के शहंशाह थे और उन्होंने मजहब की सीमा से परे रहते हुए हमेशा आम लोगों के लिए नज्में और गजलें लिखीं। उन्होंने कहा कि वसंत ऋतु के आगमन का देशभर में अपने-अपने अंदाज में स्वागत किया जाता है। आगरा में बसंत पंचमी को पर्व के रूप में मनाये जाने की पुरानी परंपरा रही है खुशी की बात है कि यह अब तक बरकरार है।
अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि हर शहर अपनी एक अलग संस्कृति होती है और उसके प्रति स्थानीय लोगों को जोड़े रखने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम या संस्कृति सप्ताह होता है। आगरा में भी इसी प्रकार की गतिविधि शुरू किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आगरा मेट्रो संचालकों से मांग की है कि "पुरानी मंडी" मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर स्टेशन के अंदर और बाहर लिखी गई नज़ीर की कविताएं होनी चाहिए। यह जनकवि-नजीर को श्रद्धांजलि होगी।
छांव फाउंडेशन के आशीष शुक्ला ने कहा कि वसंत पंचमी आगरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। नजीर अकबराबादी ने इसे जहां जनपर्व के रूप में मनाया, वहीं राधा स्वामी संप्रदाय ने इसे आध्यात्मिकता से जोड़ा। उन्होंने कहा कि वसंत को आगरा का पर्व घोषित किया जाए। शहर को इसे सार्वजनिक रूप से मनाना चाहिए। पर्यटन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर योजना बनानी चाहिए। इससे शहर और क्षेत्र की विरासत को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
सुधीर नारायन और हारमनी ग्रुप, देशदीप शर्मा, ख़ुशी, सोनी, प्रीति कुमारी, सुरेश, तबले पर राज मेसी, ढोलक राजू पाण्डेय आदि ने संगीतमय प्रस्तुतियां दीं। राजीव सक्सेना, आरिफ तैमूरी आदि ने नजीर एवं बसंत पर्व से जुड़ी बृज क्षेत्र की परंपराओं पर विस्तार से चर्चा की।