बहू और बेटे के अवैध संबंधों को बर्दाश्त नहीं कर रही थी मां, इसीलिए मरवा दिया
एक मां ने अपने ही बहु और बेटे को इसलिए मरवाया था क्योंकि इन दोनों के गांव के ही एक लड़के और एक लड़की से अवैध संबंध थे। मां अपने बेटे और बहू के नाजायज संबंधों से परेशान रहती थी। परिवार की इज्जत तो तार तार हो ही रही थी, समाज से बेदखली का डर भी सता रहा था। अछनेरा के गाँव साँथा निवासी युवा दंपति की हत्या का खुलासा करते हुए जराजस्थान पुलिस ने यही वजह बताई है।
- रामबरन ने कंस मामा बनकर विकास और उसकी पत्नी को गोलियां दागी थीं, चमन खां ने साथ दिया
- करौली पुलिस ने मां ललिता, मामा रामबरन और ड्राइवर चमन खां को किया गिरफ्तार, 36 घंटे में खुलासा
आगरा। किरावली क्षेत्र के ग्राम सांथा निवासी युवक विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को विकास की ही मां ने इसलिए मरवाया था क्योंकि इन दोनों के गांव के ही एक लड़के और एक लड़की से अवैध संबंध थे। मां अपने बेटे और बहू के नाजायज संबंधों से परेशान रहती थी। परिवार की इज्जत तो तार तार हो ही रही थी, समाज से बेदखली का डर भी सता रहा था। बहू बेटे की हत्या का फैसला विकास की मां ललिता का था और इसे अंजाम तक विकास के मामा रामबरन ने पहुंचाया। रामबरन का ड्राइवर चमन खां भी दोहरे हत्याकांड में शामिल था। करौली पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
पूर्व में यह सूचना थी कि विकास की मां अपनी पुत्र वधु को ही मरवाना चाहती थी जबकि उसका पुत्र धोखे में मारा गया, लेकिन अब पुलिस ने जब घटना का खुलासा किया है, तब स्पष्ट हुआ कि मां ने पुत्रवधू ही नहीं पुत्र की भी जान लेने की प्लानिंग की थी। दो माह की कोशिशों के बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया।
करौली पुलिस ने इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड का खुलासा 36 घंटे के भीतर कर दिया है। पुलिस ने इस वारदात को चुनौती के रूप में लिया। खुलासा करने के लिए कई टीमें गठित की गई। 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे चेक कर साक्ष्य जुटाए। वैज्ञानिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया गया। भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश स्वयं जांच का सुपरविजन कर रहे थे। जांच टीमों को करौली के एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय और एएसपी गुमनाराम निर्देशित कर रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना का खुलासा करते हुए प्रेस को बताया कि करौली जिले में मासलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत भोजपुर गांव के नजदीक सेंट्रो कार नंबर आरजे14 5सी 8446 में आगरा जिले के अछनेरा थाना क्षेत्र के सांथा गांव निवासी विकास और उसकी पत्नी दीक्षा के शव मिले थे। दोनों की गोली मारकर हत्या की गई थी।
केला देवी भवन, आगरा और धौलपुर तक दौड़ी टीमें
इस मामले की जांच के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई और इन टीमों को आगरा के अलावा धौलपुर और करौली में जांच के लिए भेजा गया। पुलिस को कार से प्रसाद मिला था, जिससे पुलिस का ध्यान कैला देवी मंदिर की ओर गया। पुलिस ने घटनास्थल से ही कैला देवी मंदिर के बीच मासलपुर, चैनपुर, भोजपुर में स्थित होटलों और बैंकों पर लगे लगभग एक सौ सीसीटीवी कैमरे चेक किए।
चिलानोद और कोडर टोल प्लाजा के कैमरे चेक करने पर यह पाया कि कार करौली की ओर से आई और इन दोनों टोल प्लाजा से पास हुई। इसी सुराग के सहारे पुलिस कैला देवी भवन पहुंची और वहां के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। वहां के कैमरा में भी विकास और दीक्षा नजर आए। पुलिस का ध्यान इस युवा दंपति के साथ चल रहे एक अन्य युवक पर भी गया जो गाड़ी के अलावा कैला देवी भवन परिसर में भी उनके साथ दिखा था।
चमन के पकड़ते ही रामबरन तक पहुंची पुलिस
इस तीसरे व्यक्ति की पहचान धौलपुर जिले के सैंपऊ थाना अंतर्गत ईटकी गांव निवासी चमन खां पुत्र राजू खां के रूप में हुई। पुलिस ने चमन खां को उठा लिया। जब इससे पूछताछ हुई तो इसने बताया कि उसने और रामबरन ने मिलकर इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है। पुलिस बगैर देरी किए हुए सैपऊ थाना क्षेत्र के ईंटकी गांव निवासी मृतक विकास के मामा रामबरन को भी उठा लाई। पूछताछ होने पर रामबरन ने बताया कि उसने अपनी सगी बहन और विकास की मां ललिता देवी उर्फ लालो के कहने पर अपने ड्राइवर चमन के साथ विकास और उसकी पत्नी दीक्षा की हत्या की है।
कल सांथा से उठाई गई विकास की मां ललिता
हत्याकांड में विकास की मां का नाम सामने आते ही करौली पुलिस कल सुबह अछनेरा थाना क्षेत्र के साथा गांव में पहुंची और विकास की मां तथा पिता जितेंद्र सिकरवार को अपने साथ ले गई। करौली पुलिस की हिरासत में विकास की मां ने जो कुछ बताया, उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गए।
बहू बेटे को रंगे हाथ पकड़ा था ललिता ने, समझाया पर नहीं माने
ललिता उर्फ लालो ने पुलिस को बताया कि उसके पुत्र विकास के गांव की ही एक लड़की से अवैध संबंध थे, इसी प्रकार पुत्र वधु दीक्षा ने भी गांव के एक लड़के के साथ अवैध संबंध कायम कर रखे थे इससे उसके परिवार की बहुत बदनामी हो रही थी। उसने दोनों को कई बार समझाया लेकिन दोनों अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। ललिता ने बताया कि उसने स्वयं अपने पुत्र और पुत्रवधू को कई बार आपत्तिजनक हालत में रंगे हाथ पकड़ा था। जब दोनों अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उसने दोनों की हत्या कराने का फैसला ले लिया।
मामा अकेले नहीं मार पाया तो चमन को साथ लिया
ललिता ने अपने मन की बात अपने भाई रामबरन को बताई। रामबरन ने कई बार युवा दंपति को मारने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया। रामबरन ने दोनों को कभी एक्सीडेंट में तो कभी किसी गहरे पानी में डुबो के मारने की प्लानिंग की, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंच सका। इसके बाद रामबरन ने अपने ड्राइवर चमन खां को अपने साथ मिलाया और वारदात की पूरी प्लानिंग की। प्लानिंग के अनुसार रामबरन ने एक सस्ती सन्नी कार और एक पिस्टल खरीदी।
चमन खां ही रामबरन की सेंट्रो कार लेकर सांथा गांव में विकास के घर पहुंचा। पिछले चार दिन से वह सांथा गांव में यह कह कर रुका हुआ था कि विकास भैया को गाड़ी चलाना सिखानी है। इस दौरान चमन मौका तलाशता रहा कि किसी प्रकार विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को एक्सीडेंट कर मार दे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
हत्या के लिए ही पुरानी सेंट्रो और पिस्टल खरीदी
इसके बाद रामबरन और चमन ने एक दूसरी योजना बनाई और उसके तहत ड्राइवर चमन खां विकास और दीक्षा को माता के दर्शन करने के बहाने करौली जिले में कैला देवी भवन ले गया। रामबरन और चमन खां हत्याकांड को अंजाम देने से पहले करौली जिले के मासलपुर थाना क्षेत्र में भोजपुर गांव के पास जंगल की रेकी कर चुके थे। दोनों ने भोजपुर के पास वह जगह भी चुन ली थी, जहां वारदात को अंजाम देना था।
तय प्लानिंग के मुताबिक चमन युवा दंपति को लेकर केला देवी भवन पहुंचा। वहां दर्शन के बावजूद चमन किसी न किसी बहाने से समय गुजारता रहा ताकि रात और गहरी हो जाए। इसके बाद वह दोनों को लेकर चला। गाड़ी चमन ही चला रहा था। भोजपुर गांव से पहले खेड़ा मोड पर प्लानिंग के मुताबिक रामबरन एक एक गाड़ी के साथ खड़ा मिला। चमन ने गाड़ी रोकी और रामबरन के पास गया। रामबरन ने चमन को एक कट्टा और कारतूस देकर कहा कि दोनों को मार दे।
चमन खां ने किसी बहाने से विकास को ड्राइविंग सीट पर बिठाया और कहा के अब वही गाड़ी चलाए। चमन बराबर वाली पैसेंजर सीट पर बैठ गया विकास की पत्नी दीक्षा पीछे की सीट पर बैठी हुई थी। इसके बाद भी चमन दोनों की हत्या नहीं कर पाया तो उसने भोजपुर से एक किलोमीटर आगे विकास से गाड़ी रूकवाई। इसके बाद वह गाड़ी से बाहर निकल आया।
तब तक पीछे से ईको गाड़ी से रामबरन भी वहां पहुंच गया और फिर दोनों ने मिलकर पति और पत्नी को गाड़ी के अंदर ही गोलियों से ढेर कर दिया। वारदात को अंजाम देकर दोनों मौके से भाग आए। इस घटना को आधी रात के आसपास अंजाम दिया गया। पूरी रात किसी को भी यह भनक नहीं लग सकी कि कार में एक महिला और पुरुष मृत हालत में पड़े हैं। सुबह आसपास के गांव के लोग जब उधर पहुंचे तो उन्होंने कार के अंदर दो शव देखे और पुलिस को सूचित किया।
घटनास्थल से खाली और जीवित कारतूस मिले
पुलिस को घटनास्थल से 7.65 एमएम के तीन खाली कारतूस, 315 बोर का एक फायर बुलेट और ड्राइवर गेट के पास से 315 बोर का एक जिंदा कारतूस मिला। आसपास के गांव का कोई भी व्यक्ति दोनों शवों की पहचान नहीं कर सका तो पुलिस ने गाड़ी चेक की। गाड़ी की आरसी और बीमा के आधार पर मलिक के रूप में धौलपुर सैंपऊ थाने के ईंटकी गांव निवासी रामबरन का नाम पता चला।
पुलिस ने रामबरन से संपर्क किया तो उसने बताया कि उसकी सेंट्रो कार को उसका भांजा विकास लेकर गया था। पुलिस ने रामबरन से ही विकास के पिता साथा निवासी जितेंद्र सिसोदिया का नंबर लेकर दोहरे हत्याकांड की सूचना दी और तुरंत करौली पहुंचने को कहा।
पिता ने कहा, मंदिर की कहकर निकले थे बहु बेटा
जितेंद्र सिसोदिया ने करौली पुलिस को बताया की उनका बेटा विकास और पुत्रवधू दीक्षा ड्राइवर चमन खां के साथ गांव से 29 तारीख को 1:00 बजे यह कहकर निकले थे कि कुकथला मंदिर जा रहे हैं और दवा भी लेनी है। इसके बाद जब यह देर तक नहीं लौटे तो उसने बहू और बेटे का फोन मिलाया, लेकिन दोनों के फोन बंद जा रहे थे
रात 8:00 बजे उनके फोन पर व्हाट्सएप से चार फोटो मिले, जिसमें बहू बेटे कैला देवी भवन में दिख रहे थे। एक संदेश था कि हम कैला देवी भवन में हैं। लेकिन किसी ने भी फोन पर बात नहीं की। वह यह सोचकर कि बच्चे कैला देवी के दर्शन करने गए हैं, लौट आएंगे। अगले दिन 30 अक्टूबर को उन्हें पुलिस से सूचना मिली कि उनकी बहू और बेटे की हत्या कर दी गई है।
जितेंद्र सिसोदिया ने प्रारंभ में ही चमन खां पर हत्या का शक जताया था। जितेंद्र सिसोदिया का कहना था कि गांव से बहू बेटे के साथ चमन खां भी आया है जो कि अब कहीं नहीं दिख रहा है। बहू और बेटे के मोबाइल भी गायब थे। इसके बाद ही पुलिस का ध्यान चमन की ओर गया और कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया।
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