गीता ओलम्पियाड में 150 से अधिक विद्यार्थी होंगे पुरस्कृत, 15 को सूरसदन में आयोजन
आगरा। आगामी 15 दिसम्बर को सूर सदन में इस्कॉन (अन्तर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) द्वारा गीता ओलम्पियाड के तहत मेगा यूथ फेस्ट-2024 शंखनाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 150 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
इस आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी में भारतीय परम्पराओं, संस्कृति और संस्कार से जुड़ें रहें। इसके लिए इस्कॉन द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों में गीता सार पढ़ा कर नैतिक, सामाजिक व पारीवारिक शिक्षा दी जा रही है। अब तक लगभग 100 से अधिक स्कूलों के 50 हजार विद्यार्थियों को गीता सार पढ़ाया जा चुका है।
इसी के विभिन्न वर्गों में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने के साथ लगभग 150 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएगे। इस अवसर पर इस्कॉन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवकीनन्दन प्रभु व इस्कॉन यूथ फारम के अध्यक्ष सुन्दरगोपाल प्रभु भी शामिल होंगे।
यह जानकारी कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन) में आयोजित आमंत्रण पत्र विमोचन में आज मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। लक्ष्य गीता के संस्कारों से एक लाख बच्चों को शिक्षित करने का है।
उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और संस्कारों से दूर होते बच्चों को हमने अभी नहीं सम्भाला तो आगे बहुत विषम परिस्थियां पैदा हो जाएंगी। गीता ओलम्पियाड भविष्य की पीढ़ी को जागरूक करने के लिए छोटा सा प्रयास है। जिससे टूटते परिवार, घर-घर कलह, तलाक, अकेले या वृद्धाश्रम में गुजर कर रहे वृद्ध, जैसी सामाजिक समस्याओं को नियंत्रित किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मंदिर अध्यक्ष अरविंद स्वरूप दस, शाश्वत नंद लाल, मनमोहिनी, मनोज अग्रवाल,संजय कुकरेजा,प्रभा अग्रवाल, राजेश उपाध्य, प्रदीप बंसल, ओम प्रकाश आदि उपस्थित थे।
अब तक 100 स्कूलों के 50 हजार बच्चों को पढ़ाया गीता सार
आगरा। इस्कॉन की अदिति गौरांगी ने बताया कि अगस्त से नवम्बर माह तक शहर के सभी छोटे बढ़े लगभग 100 स्कूलों में (मिशनरी स्कूलों को छोड़कर) कक्षा 6-12 तक के लगभग 15 हजार विद्यार्थियों के लिए गीता सार की क्लाससेज ली जा चुकी हैं।
क्लास के एक हफ्ते बाद 50 नम्बर की परीक्षा होती है। इसके उपरान्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। मिशनरी स्कूलों में धर्मनिर्पेक्ष शिक्षा की बात कर वहां अनुमति मिलने में दिक्कत आती है। फिर भी जो बच्चे या अभिभावक गीता की शिक्षा अपने बच्चों को देना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस भी ली जाती हैं।
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