निकाह के वक्त नाबालिग होने के आधार पर विवाह शून्य घोषित नहीं
आगरा। 14 वर्ष की उम्र में घर वालों द्वारा विधवा भाभी से निकाह कराने के मामलें में विवाह को शून्य घोषित करने के बाबत प्रस्तुत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।
-कोर्ट ने खारिज कर दी पति की याचिका, भाई की मृत्यु के बाद भाभी से हुई थी शादी
मामले के अनुसार फतेहपुरसीकरी निवासी युवक ने अदालत में वाद दायर कर आरोप लगाया कि उसका निकाह 29 अक्टूबर 2011 को मलपुरा थाना क्षेत्र की निवासिनी से उसकी मर्जी के विरुद्ध हुआ था। निकाह के वक्त उसकी आयु 14 वर्ष थी, उसकी पत्नी पूर्व में उसके भाई की पत्नी थी, जिससे उसे एक पुत्री भी हुई थी।
उसके भाई की वर्ष 2009 में रेल दुर्घटना में म्रत्यु हो जाने पर घर वालों ने उसका निकाह भाभी से करा दिया था। इतने वर्षों के दौरान उसने अपनी पत्नी से कभी कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीँ बनाये। बालिग होने पर वह अपनी पत्नी से हुये निकाह को शून्य घोषित कराना चाहता है।
पत्नी ने अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुये उक्त निकाह को अपने पति की सहमति से हुआ बताते हुये पति-पत्नी की तरह रहना बताया। पत्नी के अधिवक्ता नीरज पाठक द्वारा अदालत के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि पति ने पूर्व में भी निकाह को शून्य घोषित करने की याचिका अदालत में प्रस्तुत की थी, जिसमें उसने पृथक जन्म तिथि अंकित की थी। निकाह दोनों की सहमति से हुआ था। पत्नी के अधिवक्ता के तर्क पर अदालत ने पति द्वारा प्रस्तुत वाद को निरस्त करने के आदेश दिये।
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