फर्जी डिग्रियां बेचने वाली यूनवर्सिटीज में मंगलायतन का भी नाम
यूपी का श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय भी जांच के दायरे में, संसद में बताई गई दस यूनिवर्सिटीज में से पांच राजस्थान की
नई दिल्ली। देश के कई निजी विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री बेच रहे हैं। इसका खुलासा संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कई ऐसी यूनिवर्सिटीज के नाम की भी जानकारी दी, जिनके बारे में काफी शिकायतें मिल चुकी हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इन विश्वविद्यालयों में दो यूपी के भी हैं। ये दोनों गजरौला स्थित श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय और अलीगढ़ स्थित मंगलायतन विश्वविद्यालय हैं।
जानकारी के मुताबिक, संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज फेक डिग्रियां बेच रही हैं? अगर इसका जवाब हां है तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसका जवाब हां में दिया।
इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूजीसी को केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी के माध्यम से कुछ निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ फर्जी पीएचडी डिग्री बेचने का आरोप लगाने वाली शिकायतें मिलीं हैं। इन शिकायतों और आरोपों की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं।
ऐसे विश्वविद्यालयों में ओपीजेएस विश्वविद्यालय, राजस्थान, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, राजस्थान, माधव विश्वविद्यालय, राजस्थान, रैफल्स विश्वविद्यालय, राजस्थान, सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान, श्री सत्य साईं प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश, नाथ विश्वविद्यालय, झारखंड, क्वांटम विश्वविद्यालय, उत्तराखंड हैं।
इस लिस्ट पर अगर गौर किया जाए तो 50 फीसदी यानी 10 में से पांच विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जो राजस्थान में स्थित हैं। लिस्ट में उत्तर प्रदेश की दो, मध्य प्रदेश-झारखंड और उत्तराखंड की एक-एक यूनिवर्सिटी को लेकर शिकायत मिली है। मंत्रालय ने बताया कि यूजीसी से मिली जानकारी के मुताबिक इन शिकायतों और आरोपों को जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों को भेजा जा चुका है। पूछताछ के आधार पर उत्तराखंड सरकार ने क्वांटम यूनिवर्सिटी और मध्य प्रदेश सरकार ने श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंसेज पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए नकार दिया है।
राजस्थान सरकार ने शिकायतों और आरोपों के आधार पर ओपीजेएस विश्वविद्यालय को शैक्षणिक सत्र 2024-25 से प्रवेश के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, यूजीसी ने दिसंबर 2023 से ओपीजेएस विश्वविद्यालयको पीएचडी के लिए नामांकन लेने से भी रोक दिया है। विश्वविद्यालय यूजीसी विनियमों के अनुसार डिग्री देने में प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और उनके मुताबिक ही पीएचडी डिग्री दे रहे हैं या नहीं, इसकी निगरानी के लिए यूजीसी ने एक स्थायी समिति का गठन किया है।
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