मालगोदामः हड़बड़ी में गड़बड़ी कर फंसा गणपति बिल्डर
आगरा। हड़बड़ी में गड़बड़ी करने वाले गणपति इन्फ्रास्ट्र्चर डेवलपमेंट कंपनी और गणपति लीजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्ता-धर्ता अब मुसीबत में फंस गए हैं। इन्हें रेल लैंड डेवलपमेंट अथॊरिटी ने केवल गधापाड़ा मालगोदाम की जमीन का आवंटन लेटर ही दिया था। भूमि हस्तांतरण से पहले ही मालगोदाम के अंदर एंट्री कर ली।
लीज आवंटन के बाद जमीन पर भौतिक कब्जे की प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन बिल्डर्स को इतनी हड़बड़ी थी कि सीधे अपने स्तर से ही जमीन पर कब्जा लेकर वहां हरे पेड़ों पर आरी चलवा दी। पेड़ों की टहनियां वहां जलाई भी गईं। बिल्डर की ओर से सब कुछ इस तरह किया जा रहा था मानो उसे किसी का खौफ ही नहीं था। हड़बड़ी इतनी ज्यादा थी कि मालगोदाम की बाउंड्री पर आवासीय प्रोजेक्ट के होर्डिंग भी लग गए।
जानकार सूत्रों की मानें तो रेलवे मालगोदाम पर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की भी तैनाती रहती है। इसमें सवाल यह उठता है कि आरपीएफ के होते हुए बिल्डर का मालगोदाम के अंदर एंट्री कैसे हो गई। जाहिर है कि इसमें रेलवे की मिलीभगत रही होगी। यह जांच का विषय है कि मालगोदाम में बिल्डर को एंट्री दिलाने में किस रेलवे अधिकारी की भूमिका रही।
थाना हरीपर्वत में रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बीएनएस की धारा 329 (3), भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 और 10 लगाई गई हैं।
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने अपने 19 दिसंबर 2024 के पत्र में अवगत कराया है कि गधापाड़ा, बेलनगंज में रेलवे का पुराना मालगोदाम है। इस मालगोदाम परिक्षेत्र में गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, 94 गणपति स्क्वायर, विजय नगर कॊलोनी द्वारा अनधिकृत रूप से प्रवेश कर परिक्षेत्र में स्थित 23 हरे पेड़ों को काट दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा इन कंपनियों को भूमि 99 वर्ष की लीज पर देने की प्रक्रिया चल रही है, किंतु अभी तक प्राधिकरण द्वारा कंपनियों को भूमि हस्तांतरित नहीं की गई है। उससे पहले ही कंपनी ने अनधिकृत रूप से पेड़ों को काटने का कार्य आरंभ कर दिया है। रिपोर्ट में पर्यावरणविद डॊ. शरद गुप्ता, आरएलडीए और वन विभाग द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण का भी जिक्र है।
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