महामना मालवीय की जयंती पर विभूतियों को महामना रत्न सम्मान  

आगरा। भारत-रत्न महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय की 163वीं जयंती के मौके पर महामना मालवीय मिशन, आगरा संभाग ने अपना दूसरा वार्षिकोत्सव मनाया। संगोष्ठी, काव्य संध्या के साथ ही विभितियों का सम्मान किया गया।

Dec 20, 2024 - 21:53
 0
महामना मालवीय की जयंती पर विभूतियों को महामना रत्न सम्मान   
खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में महामना मालवीय मिशन आगरा संभाग द्वारा भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित की गयीं विभूतियां एवं सदस्य।

-भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं महामना मालवीय: प्रो. आशू रानी 

163वीं जयंती पर महामना मालवीय मिशन ने किया आयोजन

 

विवि के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में हुए इस समारोह में वक्ताओं ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय राष्ट्रवाद के प्रबल पक्षधर, शिक्षा, साहित्य, स्वराज्य आन्दोलन, पत्रकारिता, विधि, राजनीति आदि अनेक क्षेत्रों के देदीप्यमान नक्षत्र थे। सनातन धर्म, दर्शन, संस्कृति तथा भारतीय सभ्यता के मूर्त्तिमान प्रतीक महामना ने हमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान दिया।

 

समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं विवि की कुलपति प्रो. आशू रानी, बौद्धिक प्रमुख प्रो. रूप नारायण, मुख्य संरक्षक पूरन डावर, संरक्षक साधना भार्गव, अध्यक्ष प्रो. उमापति दीक्षित ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

 

कुलपति प्रो. आशू रानी ने कहा कि महामना मालवीय जी भारतीय संस्कृति तथा उसकी चेतना की आत्मा हैं। वह प्राचीन और अर्वाचीन भारत के अपूर्व संगम हैं।

 

संस्था के महासचिव राकेश चंद्र शुक्ल ने बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा महामना मालवीय मिशन की स्थापना 1978 में नई दिल्ली में की गईं थी । भारतवर्ष में इसकी 30 शाखाएं है।

 

आयोजन तीन सत्रों में संपन्न हुआ। प्रथम सत्र में कार्यक्रम में महामना मालवीय जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विचार रखे गए।

 

इसके बाद द्वितीय सत्र में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान हेतु चयनित विभूतियों को "महामना रत्न" सम्मान से अलंकृत किया गया। जिसमें महामना बिज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अति विशिष्ट रत्न सम्मान प्रो. प्रेम सरन सत्संगी, महामना साहित्य रत्न अंजू रंजन (भारतीय विदेश सेवा), महामना शिक्षा रत्न 2024 प्रो. लवकुश मिश्रा, महामना खेल रत्न रीना सिंह,  महामना पत्रकारिता रत्न डा. मनोज पमार (हिंदुस्तान के संपादक), महामना संस्कृति रक्षक रत्न आचार्य डॉ.निलिम्प त्रिपाठी, महामना चिकित्सा रत्न डॉ० पंकज नगायच, महामना ललित कला रत्न आइएएस अखिलेश मिश्रा, महामना पर्यावरण रत्न डॉ. मुकुल पाण्डया, महामना वीर रत्न बलिदानी कैप्टन शुभम गुप्ता, महामना समाज सेवा रत्न सुनील विकल, महामना रंगमंच एवं कला रत्न डिम्पी  मिश्रा  को प्रदान किया गया।

 

आयोजन के तृतीय सत्र में काव्य संध्या हुई। जिसमें गीत, हास्य, व्यंग्य, ओज एवं श्रृंगार की रचनाओं का पाठ अंतरराष्ट्रीय  कवियों द्वारा किया गया।

 

काव्य संध्या में संयोजन करते हुए डॉ रुचि चतुर्वेदी ने काशी को शिक्षा की काशी बना दिया, अभ्युदय नव हिंदी भाषी बना दिया…पंक्तियों से मालवीय जी को शब्दांजलि अर्पित की।

 

संचालन करते हुए श्रुति सिन्हा ने भोगवादिता की इस अंधी दौड़ में मैं मरूंगी नहीं, जीवित रखूंगी अपने को, जैसे रहती हैं जीवित पृथ्वी के गर्भ में विस्तारित जड़ें…नारी सशक्तिकरण की पंक्तियों का पाठ किया। इसी कड़ी में रस्तों के साथ में न मंजिल के साथ में…राकेश निर्मल, आंधियां बेशक चलें बरसें भले काली घटाएं…डॉ. अरुण उपाध्याय, जिसे हमदर्द हम समझे वजह वो दर्द की निकला…अभिषेक शर्मा, ताज की  नींव में रिस रही सिसकियां…आइएएस अखिलेश मिश्रा, शिव शक्ति की महिमा तीनों लोकों ने गायी है…प्रो. उमापति दीक्षित ने काव्य रसधार का प्रवाह किया।

 

इस अवसर पर उपाध्यक्ष प्रभाकर मिश्रा, प्रोफेसर नीलम, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार सिंह, कृष्णा गौतम, मनोज शर्मा, संरक्षक विजय श्रीवास्तव, शिव प्रकाश शुक्ला, अवनीश शुक्ला, डॉ हरिवंश पांडे, विजय द्विवेदी, डॉ एसके मिश्रा, एसपी शुक्ला, सतीश देव त्यागी,  बृजेश सिंह सिकरवार, रविकांत चावला, नीरज मिश्रा, गौरव सिंह, आरके शुक्ला, फूलचंद गुप्ता, अनिल मिश्रा, आरके सिंह, हरि मोहन यादव, गौरव गौतम, दुर्गेश पांडे, राहुल कुमार, अभिषेक वर्मा, निर्विकार गोयल, विजय सिंघल, जेपी तिवारी, डॉ विद्यानंद द्विवेदी, पुष्पराज चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

SP_Singh AURGURU Editor